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ब्लड प्रेशर करता है परेशान तो नहीं रहेगी रोजाना दवा खाने की जरूरत, यह इंजेक्शन दूर करेगा दिक्कत Health Updates

ब्लड प्रेशर करता है परेशान तो नहीं रहेगी रोजाना दवा खाने की जरूरत, यह इंजेक्शन दूर करेगा दिक्कत Health Updates

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High Blood Pressure Injection: दुनियाभर में करोड़ों लोग हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं. यह बीमारी आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बेहद आम हो गई है. इसे नियंत्रित करने के लिए सबसे ज़्यादा भरोसा रोजाना खाई जाने वाली दवाओं पर होता है. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि आधे से ज्यादा मरीज अपनी दवा समय पर नहीं लेते या कई बार लेना ही भूल जाते हैं. यही सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि जब ब्लड प्रेशर लंबे समय तक कंट्रोल में नहीं रहता, तो स्ट्रोक, दिल का दौरा और समय से पहले मौत जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मरीजों के लिए ऐसा इलाज बेहद जरूरी है, जो लंबे समय तक असर करे और जिसे बार-बार लेने की जरूरत न पड़े. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 

नई दवा जाइलेबेसिरन

इसी दिशा में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और कई अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों ने जाइलेबेसिरन नाम की एक नई दवा विकसित की है. यह गोली नहीं बल्कि इंजेक्शन है. इसकी खासियत यह है कि इसे साल में सिर्फ एक बार या छह महीने में एक बार लेना पड़ सकता है. शुरुआती ट्रायल्स में यह दवा बेहद प्रभावी साबित हुई. जिन मरीजों को यह इंजेक्शन दिया गया, उनके ब्लड प्रेशर में उल्लेखनीय कमी देखी गई. खासकर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर यानी ऊपरी नंबर में 10 से 20 पॉइंट तक की गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट मरीजों को हेल्दी लेवल के करीब ले जाती है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा घटाती है.

कैसे करता है काम?

जाइलेबेसिरन मौजूदा ब्लड प्रेशर की दवाओं से अलग तरीके से काम करता है. आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर तब बढ़ता है जब शरीर में एंजियोटेंसिन नाम का हार्मोन बनने लगता है. यह हार्मोन खून की नसों को सिकोड़ देता है, जिससे प्रेशर बढ़ जाता है. नई दवा उस जीन को ही ब्लॉक कर देती है जो एंजियोटेंसिनोजेन नामक प्रोटीन बनाता है. जब यह प्रोटीन नहीं बनता, तो नसें सिकुड़ती नहीं हैं और ब्लड वेसल्स रिलैक्स रहते हैं. नतीजा यह होता है कि ब्लड प्रेशर अपने आप सामान्य स्तर पर आ जाता है.

रिसर्च में आगे का रास्ता

इस रिसर्च में 107 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से 80 मरीजों को असली दवा दी गई और बाकी को नकली इंजेक्शन यानी प्लेसिबो. जिनको जाइलेबेसिरन दिया गया, उनके ब्लड प्रेशर में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला. यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के प्रोफेसर डेविड वेब का कहना है कि यह दवा ब्लड प्रेशर के इलाज में बड़ा बदलाव ला सकती है, क्योंकि पिछले 17 सालों में इस तरह की कोई नई दवा सामने नहीं आई.

हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि अभी यह दवा शुरुआती चरण में है और इसे बड़े स्तर पर टेस्ट करना ज़रूरी है. लंबे समय तक इसके असर और सुरक्षा की जांच किए बिना इसे बाजार में लाना जल्दबाजी होगी. आने वाले समय में अगर क्लिनिकल ट्रायल्स सफल रहते हैं, तो हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना दवा लेने की बजाय साल में एक इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा. जाइलेबेसिरन जैसी नई दवाएं उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं, जिन्हें रोज दवा लेना मुश्किल लगता है. अगर यह दवा सुरक्षित और असरदार साबित होती है, तो यह हाइपरटेंशन के इलाज का चेहरा बदल सकती है और लाखों लोगों की जिंदगी को आसान बना सकती है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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