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कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ. राहुल तनेजा को सम्मानित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।
हिसार। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय (जीजेयू) के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि वर्तमान समय में दुनिया लगातार बदल रही है। शोध और तकनीक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा वैज्ञानिकों और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। देश में समृद्ध नवाचार तंत्र तेजी से मजबूत हो रहा है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई विश्वविद्यालय के पेटेंट सेल के सौजन्य से बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता-मसौदा तैयार करना और दाखिल करना विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे। कार्यशाला का आयोजन हरियाणा सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद पेटेंट सूचना केंद्र के सहयोग से किया जा रहा है।
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कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि गत पांच वर्षों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा 82 पेटेंट प्रकाशित किए जा चुके हैं। केवल 2024 में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 15 पेटेंट दायर किए जबकि इसी वर्ष छह पेटेंट ग्रांट हो चुके हैं।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता हरियाणा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, पंचकूला के वैज्ञानिक डॉ. राहुल तनेजा थे। डॉ. तनेजा ने अपने संबोधन में पेटेंट को दाखिल करने तथा पेटेंट मिलने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया। प्रो. नीरज दिलबागी ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें अपनी खुद की तकनीक को विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा। प्रो. अश्वनी कुमार ने बताया कि हम नई तकनीकों का आविष्कार कर उनको पेटेंट करवाकर और उनका वाणिज्यकरण करके समाज व राष्ट्र के निर्माण में अपना अग्रणी योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर डीन फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंसिज प्रो. सुमित्रा सिंह व विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील शर्मा उपस्थित रहे।
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बौद्धिक संपदा की सुरक्षा वैज्ञानिकों एवं आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है : प्रो. नरसी राम बिश्नोई