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सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच, बीएसई के मैनेजिंग डायरेक्टर सुंदररमन राममूर्ति और चार अन्य अधिकारियों ने उन पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया। मुंबई स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के स्पेशल कोर्ट ने शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी और विनियामकीय उल्लंघन के मामले में बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था। एसीबी कोर्ट के जस्टिस शशिकांत एकनाथराव बांगर ने शनिवार को पारित आदेश में कहा, “प्रथम दृष्टया विनियामकीय चूक और मिलीभगत के सबूत हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।”
मंगलवार को होगी सुनवाई
माधबी पुरी बुच और अन्य की याचिका पर जस्टिस एस. जी. डिगे की सिंगल बेंच ने कहा कि याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई होगी और तब तक एसीबी के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई नहीं होगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पूर्व सेबी प्रमुख बुच और सेबी के तीन मौजूदा पूर्णकालिक निदेशकों – अश्विनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय की ओर से पेश हुए। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुंदररमन राममूर्ति और इसके पूर्व चेयरमैन और जनहित निदेशक प्रमोद अग्रवाल की ओर से पेश हुए। याचिकाओं में स्पेशल कोर्ट के आदेश को अवैध और मनमाना बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई।
कंपनी की गलत लिस्टिंग से जुड़ा है मामला
अधिकारियों पर लगाए गए आरोप सेबी की सक्रिय मिलीभगत से स्टॉक एक्सचेंज में एक कंपनी की गलत लिस्टिंग से संबंधित हैं। जिसमें सेबी अधिनियम, 1992 और उसके तहत नियमों और विनियमों का अनुपालन नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे, बाजार में हेरफेर की सुविधा प्रदान की और तय मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी की लिस्टिंग की अनुमति देकर कॉर्पोरेट धोखाधड़ी को सक्षम बनाया। भारत की पहली महिला सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को ही अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। जिनके बाद तुहिन कांत पांडेय ने नए सेबी प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाल ली।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचीं माधबी पुरी बुच, ACB कोर्ट के आदेश को दी चुनौती – India TV Hindi