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बॉडी में दिखें ये 12 लक्षण तो हो जाएं अलर्ट, देते हैं इस चीज की कमी की जानकारी Health Updates

बॉडी में दिखें ये 12 लक्षण तो हो जाएं अलर्ट, देते हैं इस चीज की कमी की जानकारी Health Updates

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मूड का बार-बार बदलना, बेचैनी, दिमाग का धुंधला महसूस होना ये सिर्फ तनाव नहीं, बल्कि मैग्नीशियम की कमी भी हो सकती है. NIH में प्रकाशित एक स्टडी बताती है कि यह मिनरल दिमाग में सेरोटोनिन और स्ट्रेस-रेस्पॉन्स को कंट्रोल करता है. इसलिए इसकी कमी चिंता, चिड़चिड़ापन या कम फोकस जैसी समस्याएं बढ़ा देती है.

अगर अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द या अचानक झटके महसूस हों, तो ये सिर्फ थकान नहीं है. कई बार ऐसा तब होता है जब शरीर में मैग्नीशियम कम हो जाता है और मांसपेशियों को आराम व रिकवरी में मुश्किल होती है. NIH की स्टडी भी बताती है कि एथलीट या अधिक सक्रिय लोग इस कमी से ज्यादा प्रभावित होते हैं. समय रहते डायट में बदलाव से यह समस्या आसानी से सुधर सकती है.

अगर अक्सर मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द या अचानक झटके महसूस हों, तो ये सिर्फ थकान नहीं है. कई बार ऐसा तब होता है जब शरीर में मैग्नीशियम कम हो जाता है और मांसपेशियों को आराम व रिकवरी में मुश्किल होती है. NIH की स्टडी भी बताती है कि एथलीट या अधिक सक्रिय लोग इस कमी से ज्यादा प्रभावित होते हैं. समय रहते डायट में बदलाव से यह समस्या आसानी से सुधर सकती है.

बार-बार माइग्रेन होना या हाथ-पैर में झुनझुनी जैसा एहसास होना भी नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी का संकेत है. मैग्नीशियम उन न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करता है, जो दिमाग और शरीर के बीच संदेश भेजते हैं. कमी होने पर नसें जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, जिससे सिरदर्द या सनसनी जैसे लक्षण उभरते हैं. सही मात्रा लेने से नसों का कामकाज स्थिर होता है.

बार-बार माइग्रेन होना या हाथ-पैर में झुनझुनी जैसा एहसास होना भी नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी का संकेत है. मैग्नीशियम उन न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करता है, जो दिमाग और शरीर के बीच संदेश भेजते हैं. कमी होने पर नसें जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाती हैं, जिससे सिरदर्द या सनसनी जैसे लक्षण उभरते हैं. सही मात्रा लेने से नसों का कामकाज स्थिर होता है.

नींद न आना, पैर हिलते रहना या रात में कई बार जागना यह सब भी मैग्नीशियम की कमी से जुड़ा हो सकता है. यह मिनरल दिमाग को शांत करने वाले रसायनों और मेलाटोनिन को संतुलित करता है. कमी होने पर नींद की क्वालिटी गिरती है और दिनभर थकान महसूस होती है. इसकी पूर्ति करने से नींद बेहतर होती है और शरीर को रिकवरी का समय मिलता है.

नींद न आना, पैर हिलते रहना या रात में कई बार जागना यह सब भी मैग्नीशियम की कमी से जुड़ा हो सकता है. यह मिनरल दिमाग को शांत करने वाले रसायनों और मेलाटोनिन को संतुलित करता है. कमी होने पर नींद की क्वालिटी गिरती है और दिनभर थकान महसूस होती है. इसकी पूर्ति करने से नींद बेहतर होती है और शरीर को रिकवरी का समय मिलता है.

पेट फूलना, कब्ज या गैस जैसी दिक्कतें भी अक्सर मैग्नीशियम की कमी की वजह से होती हैं. यह मिनरल आंतों की मांसपेशियों को आराम देता है और पानी को आकर्षित करके मल त्याग में मदद करता है. कमी होने पर पाचन धीमा हो जाता है और न्यूट्रिशन का अब्जॉर्ब भी प्रभावित होता है. इसका संतुलन डाइजेशन सिस्टम को सुचारू रखने में मदद करता है.

पेट फूलना, कब्ज या गैस जैसी दिक्कतें भी अक्सर मैग्नीशियम की कमी की वजह से होती हैं. यह मिनरल आंतों की मांसपेशियों को आराम देता है और पानी को आकर्षित करके मल त्याग में मदद करता है. कमी होने पर पाचन धीमा हो जाता है और न्यूट्रिशन का अब्जॉर्ब भी प्रभावित होता है. इसका संतुलन डाइजेशन सिस्टम को सुचारू रखने में मदद करता है.

कमजोर इम्युनिटी, बार-बार बीमार पड़ना या जल्दी थक जाना, ये शरीर के डिफेंस सिस्टम के कमजोर होने के संकेत हैं. मैग्नीशियम एंटीबॉडी बनाने और वाइट ब्लड सेल्स को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर संक्रमणों के प्रति जल्दी संवेदनशील हो जाता है. पर्याप्त मात्रा लेने से इम्युनिटी मजबूत रहती है और रिकवरी तेज होती है.

कमजोर इम्युनिटी, बार-बार बीमार पड़ना या जल्दी थक जाना, ये शरीर के डिफेंस सिस्टम के कमजोर होने के संकेत हैं. मैग्नीशियम एंटीबॉडी बनाने और वाइट ब्लड सेल्स को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर संक्रमणों के प्रति जल्दी संवेदनशील हो जाता है. पर्याप्त मात्रा लेने से इम्युनिटी मजबूत रहती है और रिकवरी तेज होती है.

कमजोर इम्युनिटी, बार-बार बीमार पड़ना या जल्दी थक जाना, ये शरीर के डिफेंस सिस्टम के कमजोर होने के संकेत हैं. मैग्नीशियम एंटीबॉडी बनाने और वाइट ब्लड सेल्स को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर इंफेक्शन के प्रति जल्दी संवेदनशील हो जाता है. पर्याप्त मात्रा लेने से इम्युनिटी मजबूत रहती है और रिकवरी तेज होती है.

कमजोर इम्युनिटी, बार-बार बीमार पड़ना या जल्दी थक जाना, ये शरीर के डिफेंस सिस्टम के कमजोर होने के संकेत हैं. मैग्नीशियम एंटीबॉडी बनाने और वाइट ब्लड सेल्स को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है. इसकी कमी से शरीर इंफेक्शन के प्रति जल्दी संवेदनशील हो जाता है. पर्याप्त मात्रा लेने से इम्युनिटी मजबूत रहती है और रिकवरी तेज होती है.

Published at : 20 Nov 2025 11:21 AM (IST)

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