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बैंकों के गोल्ड लोन डिफॉल्ट में तेज उछाल, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21% बढ़ गया NPA Business News & Hub

बैंकों के गोल्ड लोन डिफॉल्ट में तेज उछाल, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21% बढ़ गया NPA Business News & Hub

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Gold Loan NPA: बैंकों और एनबीएफसी के गोल्ड लोन के एनपीए में बढ़ोतरी आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि शेड्यूल कमर्शियल बैंकों के अलावा अपर और मिडिल-लेयर एनबीएफसी का गोल्ड लोन जो अब ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (GNPAs) बन चुका है उसमें मार्च 2024 से लेकर जून 2024 के बीच 18.14 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. इसी अवधि के दौरान केवल बैंकों के गोल्ड लोन जो एनपीए बन चुका है उसमें 21.03 फीसदी का उछाल आया है. 30 जून 2024 तक बैंकों के कुल लोन जो एनपीए बन चुके हैं उसमें गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 0.22 फीसदी है तो अपर लेयर और मिडिल लेयर एनबीएफसी के गोल्ड लोन की हिस्सेदारी 2.58 फीसदी है. 

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वित्त मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपने लिखित जवाब में बताया कि आरबीआई के गाइडलाइंस के तहत गोल्ड लोन से जुड़े जोखिमों को कम करने के साथ गिरवी के तौर पर रखने जाने वाले सोने के सही वैल्यूएशन के लिए कई कदम उठाये गए हैं. जिसमें नियमित अंतराल पर गिरबी के रूप में जमा किए गए सोने का अलग अलग तरीकों से एसेसमेंट और रीएसेसमेंट करना शामिल है जिसमें एसिड परीक्षण, टचस्टोन परीक्षण, एक्स-रे जैसे अलग अलग तरीकों से सोने की शुद्धता की जांच की जाती है. 

वित्त मंत्री ने बताया कि गिरवी रखे गए सोने के मूल्य का आकलन करने के लिए प्रशिक्षित और कुशल अप्रेजर का पैनल बनाना, उधारकर्ता जो सोना गिरवी के तौर पर रखता है उसका वैल्यूएशन शाखा अधिकारियों और उधार लेने वाले की उपस्थिति में सीसीटीवी की निगरानी में किया जाता है.  इसके अलावा गोल्ड लोन रेगुलेटर की गाइडलाइंस और इंटर्नल पॉलिसी के तहत दिया गया है ये सुनिश्चित करने के लिए कि कुछ अंतराल पर ऑडिट की जाती है.  साथ ही अगर कस्टमर गोल्ड लोन चुकाने में नाकामयाब रहता है तो गिरवी रखे गए सोने की नीलामी की जाती है. इसमें ये सुनिश्चित की जाती है कि ग्राहकों को पहले ही इसकी सूचना दे दी जाए और उन्हें लोन चुकाने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए.

वित्त मंत्री ने बताया कि गोल्ड लोन में एनपीए के जोखिम को कम करने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कई कदम उठाये गए हैं. जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने 27 फरवरी 2024 को सरकारी बैंकों को ये सलाह दी है 1 जनवरी 2022 से लेकर 31 जनवरी 2024 के बीच दिए गए गोल्ड लोन की व्यापक समीक्षा के साथ गिरबी में रखे गए सोने की जांच, ब्याज दरों की समीक्षा और  उधारकर्ता से वसूले गए दूसरे चार्ज की समीक्षा करेंगे. 

आरबीआई ने 30 सितंबर 2024 को सुपरवाइज्ड इकाईयों को गोल्ड लोन की पॉलिसी, प्रोसेसऔर प्रैक्टिस की सई) व्यापक समीक्षा करने की सलाह दी है. इन इकाईयों से कमियों की पहचान करने और उचित पहल करने के लिए स्वर्ण ऋण पर नीतियां, प्रक्रियाएं और प्रथाएंको बारीकी से निगरानी करने की सलाह दी गई है. साथ ही सोने के दामों में उतार – चढ़ाव और वैल्यूएशन एरर की जोखिमों के दौरान गोल्ड लोन देने वाले लेंडर्स की हितों की रक्षा सुनिश्चित करने और गोल्ड ज्वेलरी के वैल्यू के 75 फीसदी से ज्यादा लोन ना देने जैसे कदम उठाये गए हैं. साथ ही ऐसे मामले जिसमें ब्याज और मूलधन लोन की मैच्योरिटी के समय बकाया है इन मामलों में लोन की मंजूरी की तारीख से 12 महीने से आगे लोन की अवधि बढ़ाने की इजाजत नहीं होगी जिससे लोन डिफॉल्ट के जोखिम को कम किया जा सके. 

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