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Healthcare in India: भारत में स्वास्थ्य सेवा का भविष्य तेजी से बदल रहा है, जिसमें बीमारी से बचाव, इनोवेशन और रिसर्च महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट, डाबर इंडिया लिमिटेड और सन हर्बल्स जैसी देश की कई कंपनियां और संस्थान हैं, जो आयुर्वेदिक दवाओं के लिए क्लिनिकल ट्रायल कर निवारक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहे हैं. इतना ही नहीं आयुष्मान भारत और डिजिटल हेल्थ मिशन जैसे सरकारी प्रयासों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाई है.
इनोवेशन और रिसर्च से बदल रहा भविष्य
भारत में स्वास्थ्य सेवा का भविष्य इनोवेशन और रिसर्च के माध्यम से तेजी से बदल रहा है. देश में टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी जैसे प्लेटफॉर्म ने दूरदराज के मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा प्रदान की है. तकनीकी प्रगति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जैव प्रौद्योगिकी और डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों के माध्यम से देश की स्वास्थ्य प्रणाली अधिक सुलभ, किफायती और प्रभावी बन रही है.
दरअसल AI का उपयोग करके एक्स-रे और सीटी स्कैन का विश्लेषण करती है, जिससे तपेदिक और फेफड़ों के रोगों का शीघ्र पता चलता है. टेलीमेडिसिन में Practo और 1mg जैसे प्लेटफॉर्म ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों से परामर्श और दवाइयों की डिलीवरी को आसान बना रहे हैं.
दवाओं का विकास कर रहे हैं 500 से ज्यादा वैज्ञानिक
कंपनी का कहना है कि पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI) में 500 से अधिक वैज्ञानिक आयुर्वेद को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ जोड़कर साक्ष्य-आधारित दवाओं का विकास कर रहे हैं. कंपनी का कहना है कि पतंजलि की टेलीमेडिसिन पहल और हर्बल उत्पाद भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
देश में अब पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. पतंजलि का दावा है, ”हमारे शोध और निवेश ने आयुर्वेद को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पतंजलि का यह प्रयास न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना रहा है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहा है.”
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बीमारी से बचाव तक, इनोवेशन और रिसर्च से कैसे भारत में बदल रहा है स्वास्थ्य सेवा का भविष्य?