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बिहार में गुरुवार (6 नवंबर 2025) को हुए पहले चरण के मतदान में वोटरों ने पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ डाले. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसे ऐतिहासिक मतदान बताया. इलेक्शन कमीशन ने शुक्रवार (7 नवंबर 2025) को बताया कि पहले चरण के मतदान के दौरान कहीं भी गड़बड़ी नहीं पाई गई. इसमें कहा गया, “पहले चरण के चुनाव को लेकर की गई जांच के बाद किसी भी मतदान केंद्र पर गड़बड़ी नहीं पाया गया. इस दौरान किसी की ओर से दोबारा वोटिंग कराए जाने की सिफारिश भी नहीं की गई है.”
बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद कुमार गुंजियाल ने बताया कि इस चुनाव में पिछली बार की तुलना में कम संख्या में ईवीएम को बदला गया है. उन्होंने बताया कि इस बार 1.21 फीसदी बैलेट यूनिट्स को बदला गया, जबकि 2020 के चुनाव में यह संख्या 1.87 फीसदी थी. इसी तरह कंट्रोल यूनिट्स में इस बार 1.34 फीसदी बदलाव किया गया, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 1.77 फीसदी था.
चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिसमें 1,192 पुरुष और 122 महिला उम्मीदवार थे. वहीं शहरी क्षेत्रों में लगभग 8,609 मतदान केंद्र, ग्रामीण क्षेत्रों में 36,733 मतदान केंद्र थे. पूर्ण रूप से महिलाओं की ओर से संचालित मतदान केंद्रों की संख्या 926 थी. मतदान के दौरान 165 बैलेट यूनिट, 169 कंट्रोल यूनिट और 480 वीवीपैट बदले गए थे.
एनडीए और महागठबंधन दोनों ही ओर से इस बढ़े हुए मतदान को अपने अपने पक्ष में परिभाषित किया जा रहा है. चुनाव आयोग के अनुसार सभी मतदान केंद्रों से लाइव टेलीकास्टिंग हुई और इस दौरान जितनी भी शिकायतें आईं, उनका निस्तारण किया गया. चुनाव आयोग को कुल 143 शिकायतें मिलीं, जिसका समाधान उसी समय किया गया. पहले चरण के चुनाव के लिए 4 लाख से अधिक मतदानकर्मी की ड्यूटी लगाई गई थी.
(ये स्टोरी अपडेट की जा रही है…)
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‘बिहार में किसी भी बूथ पर नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, पहले चरण की वोटिंग के बाद चुनाव आयोग का बयान

