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सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में दो दर्जन नामों पर बात हुई. पार्टी किसी भी जाति-वर्ग को इसमें वंचित नहीं रखना चाहती है. सीईसी ही तय करेगी कि कौन किस जाति से जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया गया कि पांच राजपूत, चार ब्राह्मण, तीन कायस्थ और चार-चार ओबीसी व अत्यंत पिछड़ी जाति से नाम हो सकते हैं. फाइनल फैसला समिति लेगी.

दरअसल, सीईसी यानी कि केंद्रीय चुनाव समिति का फुल फोकस इस बात पर है कि वह किसी भी रूप में बीजेपी के सामाजिक समीकरण को बिगड़ने न दे. वह उसे संतुष्ट करेगी.

कहा गया कि हर जाति-वर्ग से दो से तीन नाम शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे. उम्मीदवारों के नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए डॉ.दिलीप जायसवाल और भिखू दलसनिया अधिकृत हुए हैं.

मीटिंग से जुड़ी जो सबसे रोचक बात है, वह यह है कि बैठक के दौरान रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा का नाम नहीं लिया गया. वैसे, चर्चा है- उनका बीजेपी अंदरखाने में जाना तय है.

नौ राज्यों की 12 खाली हुई सीटों पर होने वाले राज्यसभा के उप-चुनाव में तीन सितंबर, 2024 को चुनाव होंगे. बाई पोल्स के नतीजे भी उसी शाम पांच बजे के करीब आएंगे.


चूंकि, उप-चुनाव के बाद एनडीए की नजर राज्यसभा में बहुमत हासिल करने पर है. उसको इससे वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे अहम विधेयकों को पारित कराने में मदद मिलेगी.

मौजूदा समय में 229 सदस्यों वाले उच्च सदन यानी कि राज्यसभा में बीजेपी के 87 सांसद हैं, जबकि सहयोगी दलों के साथ सांसदों की संख्या बढ़कर अभी कुल 105 हो जाती है.

छह मनोनीत सदस्यों, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में वोट करते हैं, को मिलाकर राजग के सांसदों की संख्या 111 हो जाती है, जो 115 के बहुमत के आंकड़े से चार कम है.

बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को राज्यसभा के उप-चुनाव में 12 में से 11 सीट मिलने की उम्मीद है, जिससे 245 सदस्यीय सदन में एनडीए का संख्याबल 122 हो सकता है.

Published at : 12 Aug 2024 08:22 PM (IST)
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