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बिहार विधानसभा चुनाव में बेगूसराय जिले की 7 सीटों पर इस बार महागठबंधन का दबदबा साफ दिख रहा है. एबीपी बिहार एग्जिट पोल 2025 के मुताबिक, जिले में कुल 7 सीटें हैं, जिनमें से महागठबंधन (MGB) को 5 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए (NDA) केवल 2 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, कई सीटों पर मुकाबला भले कांटे का हो, लेकिन जनता का झुकाव महागठबंधन की ओर दिख रहा है. वहीं भाजपा और जदयू में अंदरूनी कलह ने एनडीए को नुकसान पहुंचाया है.
बेगूसराय जिले का समीकरण
एबीपी लाइव एक्सपर्ट एग्जिट पोल के अनुसार
कुल सीटें: 7
एनडीए: 2 (बीजेपी-1, जेडीयू-1)
महागठबंधन: 5 (आरजेडी-2, कांग्रेस-1, CPI-2)
साहेबपुर कमाल से ललन यादव की जीत पक्की
जिले के वरिष्ठ पत्रकार बिनोद कर्ण, पवन बंधु सिन्हा, सुधांशु पाठक और संतोष कुमार की राय में राजद उम्मीदवार सत्तानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव की जीत लगभग तय मानी जा रही है. यहां माहौल एकतरफा है और जनता में उनके प्रति खासा उत्साह देखा जा रहा है. भाजपा और जदयू के उम्मीदवार यहां मुकाबले में नजर नहीं आ रहे.
तेघड़ा में कांटे की टक्कर, लेकिन NDA के रजनीश आगे
तेघड़ा विधानसभा से एनडीए प्रत्याशी रजनीश कुमार की जीत लगभग तय मानी जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुकाबला करीबी है, लेकिन मतों का ध्रुवीकरण एनडीए के पक्ष में होता दिख रहा है. यहां सीपीआई और भाजपा के बीच टक्कर है, जबकि जनता के एक बड़े वर्ग का झुकाव एनडीए की ओर है.
बछवारा से बाजी मार सकते हैं गरीब दास
2020 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके गरीब दास इस बार कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं और जीत के बेहद करीब नजर आ रहे हैं. पिछली बार उन्होंने करीब 40 हजार वोट हासिल किए थे और दूसरे स्थान पर रहे थे. इस बार मतों का झुकाव स्पष्ट रूप से उनके पक्ष में दिख रहा है.
बेगूसराय सीट पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत
बेगूसराय सीट पर मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. वरिष्ठ पत्रकार पवन बंधु सिन्हा, जितेंद्र कुमार और विजय कुमार झा की राय में कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण की स्थिति काफी मजबूत है. 2020 के चुनाव में वह बेहद कम अंतर से हारी थीं, लेकिन इस बार स्थानीय मुद्दों, महिलाओं के समर्थन और एनडीए की अंदरूनी कलह की वजह से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है.
चेरिया बरियारपुर में महागठबंधन की साफ जीत
इस सीट पर शुरुआत में जन सुराज पार्टी ने माहौल बनाया था, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव करीब आया, वह प्रभाव घटता चला गया. यहां के स्थानीय पत्रकार रजनेश सिन्हा, नीरज कुमार और आकाश कुमार का कहना है कि राजद उम्मीदवार पूरी तरह मजबूत स्थिति में हैं और महागठबंधन की जीत तय मानी जा रही है.
बखरी में CPI की लहर बरकरार
बखरी सीट पर सीपीआई उम्मीदवार सूर्यकांत पासवान की स्थिति मजबूत है. पत्रकार संजीव कुमार, कोमल आर्य और प्रशांत कुमार का कहना है कि यहां महागठबंधन के उम्मीदवार को जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है. पहले बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा भले उठा हो, लेकिन अब महागठबंधन के पक्ष में लहर बन गई है.
मटिहानी में बोगो सिंह का फिर जलवा
मटिहानी सीट हमेशा से जिले की “हॉट सीट” मानी जाती है. यहां मुकाबला आरजेडी उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह और जेडीयू राजकुमार सिंह के बीच है. 2020 में बोगो सिंह सिर्फ 333 वोट से हार गए थे, लेकिन इस बार वे अपनी सीट वापसी को लेकर बेहद आत्मविश्वास में हैं.
बेगूसराय जिले में भाजपा और जदयू के बीच कई सीटों पर अंदरूनी नाराजगी देखी गई है. बछ्वारा सीट पर महागठबंधन के अंदर कांग्रेस और CPI के बीच फ्रेंडली फाइट भी देखने को मिल रही है, लेकिन स्थानीय समीकरण कांग्रेस के पक्ष में हैं. एनडीए में कार्यकर्ताओं के असंतोष का असर दो से अधिक सीटों पर पड़ने की आशंका है.
बेगूसराय जिले की 7 में से 5 सीटों पर महागठबंधन की बढ़त और दो सीटों पर एनडीए की संभावित जीत से यह साफ झलकता है कि जिले में इस बार सत्ता का झुकाव विपक्षी गठबंधन की ओर है.
बेगूसराय जिले से उम्मीदवारों की सूची
बेगूसराय जिले की 7 सीटों पर प्रमुख उम्मीदवारों में-
साहेबपुर कमाल से राजद के सत्तानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव,
तेघड़ा से जदयू के रजनीश कुमार और सीपीआई के दयानंद गुप्ता,
बछ्वारा से बीजेपी के सुरेंद्र मेहता और कांग्रेस के शिव प्रकाश उर्फ गरीब दास,
बेगूसराय से कांग्रेस की अमिता भूषण और बीजेपी के कुंदन कुमार,
चेरिया बरियारपुर से राजद उम्मीदवार,
बखरी से सीपीआई के सूर्यकांत पासवान और
मटिहानी से जदयू के नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह व राजद के राजकुमार सिंह शामिल हैं.
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