[ad_1]
जब समूचा भारतवर्ष होली के रंगों में सराबोर होता है, तब बिश्नोई समाज इस दिन को भक्त प्रह्लाद की भक्ति और सत्य की विजय के रूप में मनाता है।
[ad_2]
बिश्नोई समाज में होलिका दहन नहीं, प्रह्लाद भक्ति और रामा-सामा की पवित्र परंपरा : राजेंद्रानंद महाराज
