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बिजनेस के लिए एक करोड़ रुपये भी काफी नहीं हैं…जानें कुमार मंगलम बिड़ला ने ऐसा क्यों कहा Business News & Hub

बिजनेस के लिए एक करोड़ रुपये भी काफी नहीं हैं…जानें कुमार मंगलम बिड़ला ने ऐसा क्यों कहा Business News & Hub

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Kumar Manglam Birla Podcast: आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने एक पॉडकास्ट के दौरान कहा कि आज के सिनेरियो में किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए 1 करोड़ रुपये काफी नहीं हैं. निखिल कामथ के पॉडकास्ट पर एक इंटरव्यू के दौरान आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने ऐसा कहा है. अपने कारोबारी फिलॉसाफी पर एक नज़र डालते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने महत्वाकांक्षी आंत्रप्रेन्योर के लिए एक मुश्किल रियल्टी चेक भी दिया. 

कुमार मंगलम बिड़ला ने भारत के प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में हाई एंबिशन के महत्व पर जोर दिया और लीडरशिप, आंत्रप्रेन्योरशिप और भारत के इंमर्जिंग मार्केट सिनेरियो पर अपने विचार साझा करते हुए युवा कारोबारियों को कुछ बिजनेस मंत्र दिए.

उन्होंने कहा, “आप केवल 1 करोड़ रुपये में कितना कुछ कर सकते हैं? अच्छा असर डालने के लिए पर्याप्त पूंजी बेहद जरूरी है और स्केल महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास इतना ही है तो मैं इसे बैंक में रखना पसंद करूंगा.”

उभरते आंत्रप्रेन्योर्स को कुमार मंगलम बिड़ला ने सीधी सलाह देते हुए कहा…”वह करें जो आपको करना पसंद है, जुनून को जिंदा रखें और एक बेहतरीन टीम बनाएं. एक मजबूत टीम महत्वपूर्ण है क्योंकि कोई भी लीडर अकेले बहुत कुछ हासिल नहीं कर सकता है.” उन्होंने व्यवसाय में गतिशीलया या चपलता के महत्व पर भी रोशनी डाली. उन्होंने कहा, “दुनिया तेजी से बदल रही है और प्रासंगिक बने रहने के लिए आपको अपने व्यवसाय मॉडल में बदलाव करने की जरूरत अवश्य पड़ सकती है.” 

उन्होंने कहा कि भरोसा रिप्रेंजेटेशन का आधार है, जबकि सहज ज्ञान हायरिंग के फैसलों में अहम भूमिका निभाता है. आप किसी को हायर करने से पहले उसका ट्रैक रिकॉर्ड देखें, उनसे बात करें, ठोस बेस दें.

क्रिएटिवटी पर विचार करते हुए बिड़ला ने कहा, “सबसे क्रिएटिव चीज जो आप कर सकते हैं वह है कारोबार बनाना या चलाना. नेतृत्व का मतलब हर बाजार में नंबर एक या दो पर रहने का प्रयास करना है और कुमार मंगलम बिड़ला इस फिलॉसॉफी पर यकीन करते हैं. 

नेतृत्व के बारे में कुमार मंगलम बिड़ला ने अनुशासन की एक अनूठी भावना का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि “मैंने 29 सालों में केवल 18 बार अपना आपा खोया है,” उन्होंने कॉर्पोरेट सेटिंग में गुस्से को विपरीत असर डालने वाला माना.

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