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बार-बार नींद टूटने की समस्या से हैं परेशान, दोबारा सोने के लिए अपनाएं ये 8 आसान उपाय Health Updates

बार-बार नींद टूटने की समस्या से हैं परेशान, दोबारा सोने के लिए अपनाएं ये 8 आसान उपाय Health Updates

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एक्सपर्ट्स बताते हैं की फोन, टीवी या बल्ब की नीली रोशनी नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को कम करती है. इसलिए सोने से पहले कमरे की सभी तेज लाइट बंद कर दें और मोबाइल की स्क्रीन से दूर रहे. इससे आपकी नींद बार-बार नहीं टूटेगी.

इसके अलावा एक्सपर्ट बताते हैं कि नींद की अच्छी आदत के लिए कंसिस्टेंसी जरूरी होती है. ऐसे में हर दिन अगर आप एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें चाहे वीकेंड ही क्यों न हो तो आपकी बार-बार नींद टूटने की समस्याएं खत्म हो सकती है.

इसके अलावा एक्सपर्ट बताते हैं कि नींद की अच्छी आदत के लिए कंसिस्टेंसी जरूरी होती है. ऐसे में हर दिन अगर आप एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें चाहे वीकेंड ही क्यों न हो तो आपकी बार-बार नींद टूटने की समस्याएं खत्म हो सकती है.

इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं की रात के समय चेरी खाने या चेरी जूस पीने से नींद बेहतर होती है. क्योंकि इनमें मेलाटोनिन होता है. वहीं बादाम और केले भी नींद सुधारने में मदद करते हैं. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शाम के समय भारी या मसालेदार खाना खाने से बचें. जिससे आपको नींद टूटने की समस्या नहीं होगी.

इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं की रात के समय चेरी खाने या चेरी जूस पीने से नींद बेहतर होती है. क्योंकि इनमें मेलाटोनिन होता है. वहीं बादाम और केले भी नींद सुधारने में मदद करते हैं. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शाम के समय भारी या मसालेदार खाना खाने से बचें. जिससे आपको नींद टूटने की समस्या नहीं होगी.

इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वाईफाई राउटर से भी दूरी बना कर रखें. दरअसल वाईफाई राउटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे नींद के सर्केडियन रिदम को प्रभावित कर सकती है.

इसके अलावा एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वाईफाई राउटर से भी दूरी बना कर रखें. दरअसल वाईफाई राउटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगे नींद के सर्केडियन रिदम को प्रभावित कर सकती है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपकी नींद बार-बार टूटती है तो आप मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें. मेडिटेशन से दिमाग शांत होता है और स्ट्रेस कम होता है, जिससे शरीर रिलैक्स होकर नींद में चला जाता है.

एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपकी नींद बार-बार टूटती है तो आप मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें. मेडिटेशन से दिमाग शांत होता है और स्ट्रेस कम होता है, जिससे शरीर रिलैक्स होकर नींद में चला जाता है.

वहीं नींद की कमी से कॉर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स संतुलित डाइट अपने की सलाह देते हैं.

वहीं नींद की कमी से कॉर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं. इसलिए एक्सपर्ट्स संतुलित डाइट अपने की सलाह देते हैं.

सोने के लिए सही तापमान करीब 18 डिग्री सेल्सियस होता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स के अनुसार पैरों में मोजे पहनने से शरीर का तापमान कंट्रोल में रहता है और मेलाटोनिन रिलीज होकर नींद लाने में मदद करता है.

सोने के लिए सही तापमान करीब 18 डिग्री सेल्सियस होता है. इसके अलावा एक्सपर्ट्स के अनुसार पैरों में मोजे पहनने से शरीर का तापमान कंट्रोल में रहता है और मेलाटोनिन रिलीज होकर नींद लाने में मदद करता है.

इसके अलावा अगर तनाव ज्यादा है तो इसका भी असर नींद पर पड़ सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रोजाना डिस्ट्रेसिंग एक्टिविटी करें जैसे ब्रीदिंग, हल्की एक्सरसाइज या जर्नलिंग करें.

इसके अलावा अगर तनाव ज्यादा है तो इसका भी असर नींद पर पड़ सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि रोजाना डिस्ट्रेसिंग एक्टिविटी करें जैसे ब्रीदिंग, हल्की एक्सरसाइज या जर्नलिंग करें.

Published at : 08 Nov 2025 07:58 PM (IST)

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