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Ambala News: किसान बलजीत सिंह ने लोकल 18 से कहा कि उनके गांव दुराना में ज्यादातर किसान सब्जियों की खेती करते हैं. इस सीजन शिमला मिर्च की खेती किसानों के द्वारा की गई थी. लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के …और पढ़ें
शिमला मिर्च के पौधे सूखने लग गए हैं. अभी फसल की लागत भी किसानों की पूरी नहीं हुई है. किसानों की माने तो उनका कहना है कि यह वह वक्त था. जब फसल से वह अपना मुनाफा और लागत पूरे तरीके से कमा सकते थे. अब ज्यादातर बाकी सभी सब्जियों की फसल इस वक्त फल नहीं देती है. किसान बलजीत सिंह ने लोकल 18 से कहा कि उनके गांव दुराना में ज्यादातर किसान सब्जियों की खेती करते हैं. इस सीजन शिमला मिर्च की खेती किसानों के द्वारा की गई थी. लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के बाद शिमला मिर्च सड़ना शुरू हो चुका है.
इस बार किसानों को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है. यह वह वक्त है. जब किसानों को शिमला मिर्च से सबसे ज्यादा फायदा पहुंचता है. लेकिन बारिश ने पूरी फसल बर्बाद कर दी है. दुराना गांव से शिमला मिर्च चंडीगढ़ से लेकर कोलकाता तक बेची जाती है. जो फसल फिलहाल बची हैं. वह 20000 से 25000 रुपए में बिकेगी. यह फसल वैसे लगभग प्रति एकड़ 100000 रुपये तक की बिकती थी. बारिश के कारण 90% शिमला मिर्च की खेती का नुकसान हो गया है. अब इस सीजन ही उनको मुनाफा शिमला मिर्च से मिलना था.
किसानों को सरकार से मिलें मुआवजा
वैसे तो आम दिनों में किसानों को शिमला मिर्च की फसल पर 10 रुपए प्रति किलो कम मिलता है. लेकिन इस समय 20 से 25 रुपये किल फसल का दाम मिल जाता था.फसल को तैयार करने में रोजाना दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है. लेकिन अब इस बारिश के बाद लागत भी वापस नहीं प्राप्त होगी. वह सरकार से यह मांग करते हैं कि किसानों को जल्द इसका मुआवजा मिलना चाहिए,ताकि वह दोबारा से कोई और फसल लगा सके.
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