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बांग्लादेश पुलिस ने इंटरपोल से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की है। हसीना के अलावा 11 अन्य लोगों के खिलाफ भी ऐसी ही मांग की गई है।
शेख हसीना पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट के बाद से भारत में रह रही हैं।
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना, उनके पूर्व मंत्रियों, सलाहकारों और अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इन पर मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के आरोप थे।
इंटरपोल का रेड नोटिस किसी व्यक्ति को ढूंढ़ने और उसे प्रत्यर्पण या कानूनी कार्रवाई से पहले अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में मदद करता है।

आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट
शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत आ गई थीं। उनके खिलाफ देशभर में छात्रों ने प्रदर्शन किए थे। दरअसल बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इस आरक्षण के खिलाफ ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था।
हालांकि हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। लेकिन इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
बड़ी संख्या में छात्र और आम लोग हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए थे। इस प्रोटेस्ट के दो महीने बाद 5 अगस्त को उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था।

नोबेल विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार का चीफ एडवाइजर नियुक्त किया गया।
हसीना का पासपोर्ट रद्द, गिरफ्तारी वारंट जारी
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी यूनुस सरकार ने हसीना पर हत्या, अपहरण से लेकर देशद्रोह के 225 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। वहीं, बांग्लादेशी सरकार ने चेतावनी दी है कि भारत में रहते हुए हसीना की तरफ से दिए जा रहे बयान दोनों देशों के संबंध बिगाड़ रहे हैं।

बांग्लादेश सरकार ने जुलाई में हुई हत्याओं की वजह से शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है। वहीं बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। ट्रिब्यूनल ने हसीना को 12 फरवरी तक पेश होने का निर्देश दिया है।
बांग्लादेश भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की अपील भी कर चुका है। हालांकि, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा चुकी है, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट नहीं किया जाएगा।
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