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बांग्लादेश: नहीं मिला वकील, अब चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर एक महीने बाद होगी सुनवाई – India TV Hindi Today World News

बांग्लादेश: नहीं मिला वकील, अब चिन्मय कृष्ण दास की जमानत पर एक महीने बाद होगी सुनवाई – India TV Hindi Today World News


Image Source : INDIA TV
Chinmoy Krishna Das

ढाका: हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उन्हें बांग्लादेश की अदालत से मंगलवार को कोई राहत नहीं मिल सकी और उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। ‘बीडीन्यूज24डॉटकॉम’ ने चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडीसी (अभियोजन) मोफिजुर रहमान के हवाले से बताया कि मंगलवार को जमानत याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी की तारीख तय की। अब एक महीने बाद ही पता चल सकेगा कि दास को उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले में जमानत मिलेगी या नहीं। 

चिन्मय की ओर पेश नहीं हुआ कोई वकील

रिपोर्ट में कहा गया है कि चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर मंगलवार को चटगांव मेट्रोपॉलिटन सत्र के न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम की अदालत में सुनवाई होनी थी लेकिन चिन्मय की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। जमानत याचिका पर सुनवाई के मद्देनजर चटगांव अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और विभिन्न बलों के सुरक्षा अधिकारियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। दास को सुनवाई के लिए अदालत नहीं लाया गया था। 

ढाका एयरपोर्ट से किया गया था गिरफ्तार

बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। चटगांव की एक अदालत ने 26 नवंबर को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में भड़की हिंसा में एक वकील की मौत हो गई थी। दास को जमानत ना मिलने के बाद उनके वकीलों ने तुरंत एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसमें दोबारा सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन उस दिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 

Chinmoy Krishna Das Prabhu

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Chinmoy Krishna Das Prabhu

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले

इसी साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव व्याप्त है। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक हमलों में हाल में वृद्धि हुई है। (भाषा)

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