बरसात से पहले बांध निर्माण का कार्य पूरा करें अधिकारी : डीसी


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नारनौल । जिला के गांव मूसनौता में बन रहा पक्का बांध आसपास के कई किलोमीटर के क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। लगभग 5.11 करोड़ की लागत से बन रहा बांध 8.45 लाख क्यूबिक मीटर पानी रोकने की क्षमता रखेगा। इसी संबंध में बुधवार शाम उपायुक्त डॉ जय कृष्ण आभीर ने जिला में जल संग्रहण के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित गांव वासियों से भी चर्चा की तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्य की निर्धारित समय अवधि 6 माह निश्चित है, लेकिन बरसात से पहले कार्य को पूरा किया जाए। ताकि इसका फायदा क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके।
डीसी ने वीरवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आगामी बरसात के सीजन को देखते हुए नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र में नारनौल डिवीजन द्वारा कराए जा रहे जल संग्रहण के लिए पक्का चेक डैम एवं मिट्टी के पक्के बांधों को स्टोन पीचिंग करके पक्के किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इंजीनियर नितिन भार्गव ने बताया कि बरसाती पानी का संचयन करने के लिए मूसनौता की पहाड़ियों के बीच सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा पूर्व में बनाए गए बांधों का नवीनीकरण करके स्टोन पीचिंग द्वारा पक्का निर्माण किया जा रहा है ताकि अधिक बरसात होने की स्थिति में इन बांधों को नुकसान न हो और ज्यादा से ज्यादा बरसाती पानी को इकट्ठा किया जा सके तथा भूमिगत जल स्तर में सुधार हो सके।
दो बांधों पर खर्च होंगे 1.81 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि गांव मूसनौता में दो पक्के बांध बनवाये जा रहे हैं। इन पर 1.81 करोड़ रुपये की लागत खर्च होने का अनुमान है। इसी प्रकार गांव गोलवा व मूसनौता की पहाड़ियों के बीच पक्का चेक डैम का निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य पर लगभग 5.11 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है। इस प्रस्तावित चेक डैम में लंबाई तलहटी में 34 मीटर व ऊपरी सतह की लंबाई 84 मीटर होगी। वहीं चेक डैम की नीचे से चौड़ाई 18 मीटर तथा ऊपर की चौड़ाई 2 मीटर तथा प्रस्तावित चेक डैम की ऊंचाई जमीनी सतह से 16 मीटर का प्रावधान किया गया है। इस चेक डैम को सीमेंट कंक्रीट, शॉट क्रिटिंग, वायस मैस, वायर क्रेटस एवं रोक बोल्टिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए बनाया जाएगा।
बांध में डेढ़ किलोमीटर लंबे नाले का पानी होगा इकट्ठा
उन्होंने बताया कि इस बांध में गांव गोलवा एवं मूसनौता का डेढ़ किलोमीटर लंबे नाले का पानी इकट्ठा किया जाएगा तथा इस कार्य से लगभग 4.95 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट एरिया भी उपचारित होगा। इस चेक डैम में बरसात के मौसम में अधिकतम पानी उपलब्ध होगा, जिसका अधिकतम डिस्चार्ज 19.21 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड प्रस्तावित है। इस बांध में पानी रोकने की क्षमता 845000 क्यूबिक मीटर है। इस कार्य का निर्माण होने के बाद भूमिगत जलस्तर में अभूतपूर्व वृद्धि होने का अनुमान है। इतना ही नहीं इस कार्य के पूरा होने के बाद आवश्यकता के समय सिंचाई कार्य में भी इस पानी प्रयोग किया जा सकेगा। उपायुक्त ने जगह के चयन एवं कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए संतोष प्रकट किया तथा विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि इस प्रकार की अन्य जगहों का भी निरीक्षण करें। ताकि ज्यादा से ज्यादा जल संग्रहण के क्रियाकलापों का निर्माण हो सके। इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा गांव मूसनौता के ग्रामीण उपस्थित रहे।

नारनौल । जिला के गांव मूसनौता में बन रहा पक्का बांध आसपास के कई किलोमीटर के क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। लगभग 5.11 करोड़ की लागत से बन रहा बांध 8.45 लाख क्यूबिक मीटर पानी रोकने की क्षमता रखेगा। इसी संबंध में बुधवार शाम उपायुक्त डॉ जय कृष्ण आभीर ने जिला में जल संग्रहण के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित गांव वासियों से भी चर्चा की तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की गति बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्य की निर्धारित समय अवधि 6 माह निश्चित है, लेकिन बरसात से पहले कार्य को पूरा किया जाए। ताकि इसका फायदा क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके।

डीसी ने वीरवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आगामी बरसात के सीजन को देखते हुए नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र में नारनौल डिवीजन द्वारा कराए जा रहे जल संग्रहण के लिए पक्का चेक डैम एवं मिट्टी के पक्के बांधों को स्टोन पीचिंग करके पक्के किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इंजीनियर नितिन भार्गव ने बताया कि बरसाती पानी का संचयन करने के लिए मूसनौता की पहाड़ियों के बीच सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा पूर्व में बनाए गए बांधों का नवीनीकरण करके स्टोन पीचिंग द्वारा पक्का निर्माण किया जा रहा है ताकि अधिक बरसात होने की स्थिति में इन बांधों को नुकसान न हो और ज्यादा से ज्यादा बरसाती पानी को इकट्ठा किया जा सके तथा भूमिगत जल स्तर में सुधार हो सके।

दो बांधों पर खर्च होंगे 1.81 करोड़ रुपये

उन्होंने बताया कि गांव मूसनौता में दो पक्के बांध बनवाये जा रहे हैं। इन पर 1.81 करोड़ रुपये की लागत खर्च होने का अनुमान है। इसी प्रकार गांव गोलवा व मूसनौता की पहाड़ियों के बीच पक्का चेक डैम का निर्माण किया जा रहा है। इस कार्य पर लगभग 5.11 करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है। इस प्रस्तावित चेक डैम में लंबाई तलहटी में 34 मीटर व ऊपरी सतह की लंबाई 84 मीटर होगी। वहीं चेक डैम की नीचे से चौड़ाई 18 मीटर तथा ऊपर की चौड़ाई 2 मीटर तथा प्रस्तावित चेक डैम की ऊंचाई जमीनी सतह से 16 मीटर का प्रावधान किया गया है। इस चेक डैम को सीमेंट कंक्रीट, शॉट क्रिटिंग, वायस मैस, वायर क्रेटस एवं रोक बोल्टिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए बनाया जाएगा।

बांध में डेढ़ किलोमीटर लंबे नाले का पानी होगा इकट्ठा

उन्होंने बताया कि इस बांध में गांव गोलवा एवं मूसनौता का डेढ़ किलोमीटर लंबे नाले का पानी इकट्ठा किया जाएगा तथा इस कार्य से लगभग 4.95 वर्ग किलोमीटर कैचमेंट एरिया भी उपचारित होगा। इस चेक डैम में बरसात के मौसम में अधिकतम पानी उपलब्ध होगा, जिसका अधिकतम डिस्चार्ज 19.21 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड प्रस्तावित है। इस बांध में पानी रोकने की क्षमता 845000 क्यूबिक मीटर है। इस कार्य का निर्माण होने के बाद भूमिगत जलस्तर में अभूतपूर्व वृद्धि होने का अनुमान है। इतना ही नहीं इस कार्य के पूरा होने के बाद आवश्यकता के समय सिंचाई कार्य में भी इस पानी प्रयोग किया जा सकेगा। उपायुक्त ने जगह के चयन एवं कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए संतोष प्रकट किया तथा विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि इस प्रकार की अन्य जगहों का भी निरीक्षण करें। ताकि ज्यादा से ज्यादा जल संग्रहण के क्रियाकलापों का निर्माण हो सके। इस मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अलावा गांव मूसनौता के ग्रामीण उपस्थित रहे।

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