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रेलवे के अंडर पास में जमा टांगरी नदी के पानी को पंप की मदद से निकालते हुए कर्मचारी
– फोटो : संवाद
विस्तार
टांगरी नदी के पास बने नए रेलवे अंडरपास से घसीटपुर और सेक्टर-34 में घुसे नदी के पानी पर प्रशासन गंभीर हो गया है। नए अंडरपास के बनने के बाद पहली बार नदी का पानी कॉलोनी में घुसा था। इसके लिए अब अंडरपास के नदी की तरफ वाले छोर पर रिटेनिंग वॉल तैयार की जाएगी।
ये निर्देश अंबाला छावनी के एसडीएम सतिंद्र सिवाच ने पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने दिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल बरसातों तक वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जिस जगह से अंडरपास में पानी घुसा था तो उसमें मिट्टी के कट्टे रखे जाएं, जिससे कि दोबारा से कॉलोनियों में पानी न घुसे। बारिशों के बाद इसका ठोस समाधान कर दिया जाएगा। हालांकि यह अंडर पास रेलवे की तरफ से तैयार किया गया है।
दरअसल, तीन सितंबर को पहाड़ों में बरसात के बाद टांगरी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। करीब 14 हजार क्यूसेक पानी आने पर रेलवे अंडर से होता हुआ पानी घसीटपुर और सेक्टर-34 में घुस गया था। हालांकि लिंक रोड के साथ-साथ पानी की सरकारी स्कूल की तरफ मार की थी, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ जाता तो यह पानी अन्य कॉलोनियों में मार करते हुए बाढ़ के हालात बना सकता था।
अंबाला-जगाधरी हाईवे से दिल्ली नेशनल हाईवे जाेड़ना है प्रोजेक्ट
दरअसल, अंबाला टांगरी बांध पर सड़क बनी है जो अंबाला-जगाधरी हाईवे के साथ अटैच है। जगाधरी रोड स्थित साकेत अस्पताल के पास से बांध की यह सड़क नन्हेड़ा के पास सहारनपुर रेलवे लाइन के पास जा रही है। इस रेलवे लाइन के नीचे अंडरपास बनाया गया है। इससे टांगरी बांध वाली सड़क को सीधा अंबाला-दिल्ली नेशनल हाईवे से जोड़ दिया जाएगा। करीब तीन करोड़ की लागत से तैयार इस प्रोजेक्ट में अंडर पास का काम पूरा हो गया है, जोकि रेलवे की तरफ से तैयार किया गया है। अब सड़क जोड़ने का काम पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की तरफ से किया जा रहा है।
अधिकारी के अनुसार
अंडर पास रेलवे की तरफ से तैयार किया गया था। फिलहाल टांगरी नदी का पानी कॉलोनियों में न घुसे, इसको लेकर मिट्टी के कट्टे रखे जाएंगे। बाद में इसका ठोस समाधान निकाला जाएगा। मिट्टी के कट्टों को भरना शुरू कर दिया है। -रितेश, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर।
अंडर पास के जरिये टांगरी नदी का पानी आ गया था। मौके का मुआयना किया गया था। अंडर पास के टांगरी नदी वाले छोर पर रिटेनिंग वॉल तैयार की जाएगी। बरसातों तक पानी कॉलोनियों और अंडर पास में न जाए। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को मिट्टी के कट्टे रखने के लिए कहा गया है। -सतिंद्र सिवाच, एसडीएम अंबाला कैंट।
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