in

बरखा दत्त का कॉलम: दोनों गठबंधनों में से किसे नुकसान पहुंचाएंगे ‘पीके’? Politics & News

बरखा दत्त का कॉलम:  दोनों गठबंधनों में से किसे नुकसान पहुंचाएंगे ‘पीके’? Politics & News

[ad_1]

2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

बरखा दत्त फाउंडिंग एडिटर, मोजो स्टोरी

बिहार के युवा एक नई राजनीति की तलाश में है। राज्य में 18 से 19 साल की उम्र के 14 लाख नए मतदाता हैं। एक ऐसे राज्य में जहां 7.2% आबादी नौकरी और रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करती है, प्रशांत किशोर (पीके) की जन सुराज पार्टी ने इन्हीं लोगों को संगठित करने की कोशिश की है।

प्रशांत किशोर अपने हर भाषण की शुरुआत इन्हीं शब्दों से करते हैं कि वे कोई नेता नहीं हैं और न ही वोट मांगने आए हैं। इसके बजाय वे खुद को बिहार का बेटा बताते हैं। लेकिन चुनाव न लड़ने का उनका फैसला थोड़ा निराशाजनक रहा है।

इससे उनके और राघोपुर से मौजूदा विधायक तेजस्वी यादव के बीच जोरदार मुकाबले की उम्मीदें धराशायी हो गईं। यह फैसला शायद इस बात से प्रेरित था कि पार्टी के सबसे चर्चित चेहरे के तौर पर पूरे राज्य में उनकी जरूरत थी।

अपने शुरुआती जीवन के कुछ ऐसे पहलू हैं, जिन्हें पीके अपने से अलग नहीं कर पाते। उनमें से एक है चुनावी नतीजों की भविष्यवाणी करने का मोह। नीतीश कुमार- जिनकी जदयू में पीके कभी उपाध्यक्ष थे- के बारे में उन्होंने शर्त लगाई है कि बिहार के मुख्यमंत्री को 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी।

उन्होंने मुझसे कहा, अगर उन्हें मिलती हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अपनी पार्टी के प्रदर्शन के बारे में पीके दो संभावनाएं सामने रखते हैं- या तो अर्श, या फिर फर्श। वे भविष्यवाणी करते हैं कि या तो वे चुनाव में नाटकीय बदलाव लाएंगे या खाता भी नहीं खोल पाएंगे। वे किसी नई पार्टी के अनुरूप औसत दर्जे के शुरुआती प्रदर्शन के लिए दांव नहीं लगाते हैं। वे यहां तक दावा कर देते हैं कि 125 सीटों को भी वे हार ही मानेंगे।

भीड़ और ऊर्जा के आधार पर चुनावी पूर्वानुमान लगाना हमेशा जोखिम भरा होता है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि पीके को सुनने के लिए आने वाली भीड़ सीटों और वोटों में कैसे तब्दील होगी। लेकिन यशवंत देशमुख जैसे सर्वेक्षणकर्ताओं का कहना है कि उनके सर्वेक्षणों में पीके को पहले ही मुख्यमंत्री पद के पसंदीदा दावेदारों में दूसरे नंबर पर रखा गया है।

हमें अभी तक यह पता नहीं है कि महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए नीतीश के कार्यक्रम हवा के रुख को बदल पाएंगे या नहीं, लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चुनावों में तो हमने उनका नाटकीय असर देखा है।

लेकिन यह तो तय है कि पीके ने जमीनी स्तर पर पहुंच और सोशल मीडिया की कुशलता के अनोखे संयोजन का इस्तेमाल करके एक ब्रांड रिकॉल बनाया है। पटना की सड़कों पर, भाजपा के मतदाता भी मानते हैं कि वे एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना हैं। मैं जिन मतदाताओं से मिलती हूं, उनमें से कई कहते हैं कि उन्हें अपनी छाप छोड़ने के लिए एक और चुनाव की जरूरत है। वहीं कुछ लोग इस बार भी उन पर दांव लगाने को तैयार हैं।

पीके के चुनाव प्रचार अभियान को करीब से फॉलो करने पर मैं पाती हूं कि वे यह दिखाने के लिए उत्सुक हैं कि राजनीतिक यथास्थिति को चुनौती देने में वे बराबर के सहभागी हैं। अगर वे मुख्यमंत्री के गढ़ राजगीर में ताकत दिखाते हैं, तो राजद के गढ़ जहानाबाद में भी यही करते हैं।

सवाल यह है कि वे इनमें से किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे? सर्वेक्षणों से पता चलता है कि दोनों ही खेमों की सीटों पर उनका असर पड़ने की संभावना है। दिलचस्प यह है कि जब मैंने पीके से पूछा कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वे किसे अपना समर्थन देंगे, तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया।

जब मैंने पूछा कि वे नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में से किसे चुनेंगे, तो उन्होंने दोनों में से किसी को भी चुनने से इनकार कर दिया। लेकिन विचारधारा के आधार पर उनका कहना है कि उनकी पार्टी अपने मूल स्वरूप में भाजपा की तुलना में कांग्रेस के अधिक करीब है।

अगर प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ राजगीर में अपनी ताकत दिखाते हैं, तो राजद के गढ़ जहानाबाद में भी वे ऐसा ही करते हैं। लेकिन बुनियादी सवाल यह है कि दोनों गठबंधनों में से वे किसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएंगे? (ये लेखिका के अपने विचार हैं)

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
बरखा दत्त का कॉलम: दोनों गठबंधनों में से किसे नुकसान पहुंचाएंगे ‘पीके’?

नवाबी अंदाज में शेरवानी पहन कर अंशुल के घर बरात लेकर जाएंगे अमित पंघाल  Latest Haryana News

नवाबी अंदाज में शेरवानी पहन कर अंशुल के घर बरात लेकर जाएंगे अमित पंघाल Latest Haryana News

Rohtak News: पराली जलाने रहे दो किसानों पर केस दर्ज, जुर्माने के साथ रेड एंट्री भी  Latest Haryana News

Rohtak News: पराली जलाने रहे दो किसानों पर केस दर्ज, जुर्माने के साथ रेड एंट्री भी Latest Haryana News