[ad_1]
पेरिस से वतन लौटी विनेश फोगाट के वेलकम प्रोग्राम में पूर्व रेसलर बजरंग पूनिया विवादों में आ गए। दरअसल, विनेश फोगाट की स्वागत के लिए लाई गई जीप पर तिरंगे के पोस्टर लगे हुए थे। इस दौरान बजरंग पूनिया जीप के बोनट पर चढ़ गए और पैर के नीचे तिरंगे का पोस्टर
.
नेता बनने की कितनी जल्दी है इस व्यक्ति को “तिरंगा” भी नहीं दिखता? कुछ लोगों ने तो अपने अपने एकाउंट से और भी भद्दे कमेंट किए।
NADA को सैंपल देने से कर चुके इंकार
इससे पहले, 5 मई को NADA ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। जब पिछली बार NADA ने बजरंग को निलंबित किया था, तो उनका निलंबन तीन हफ्ते बाद एंटी डोपिंग डिसिप्लिनरी पैनल ने रद्द कर दिया था, क्योंकि उन्हें नोटिस जारी नहीं किया गया था। NADA ने निलंबन के साथ-साथ बजरंग पूनिया को नोटिस भी जारी किया था।10 मार्च को ओलिपिंक गेम्स में हिस्सा लेने के लिए हुए एशियन क्वालिफायर्स के नेशनल ट्रायल्स के दौरान NADA ने बजरंग से सैंपल देने के लिए कहा था। लेकिन, बजरंग ने सैंपल देने से इनकार कर दिया था।
बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे
पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला रेसलर्स के यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसको लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में आंदोलन हुआ। पहलवानों ने पहले जंतर-मंतर पर धरना दिया। इसके बाद उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए और दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर केस दर्ज किया।इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी दौरान WFI के चुनाव हुए तो बृजभूषण के करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए। जिसके बाद बजरंग के अलावा विनेश फोगाट ने भी अपने अवॉर्ड लौटा दिए। वहीं साक्षी मलिक ने कुश्ती से ही संन्यास ले लिया।

बजरंग ने एशियन गेम्स बिना ट्रायल्स दिए खेला था
बजरंग पूनिया को पिछले साल चीन के हांगझोउ एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में हार मिली थी। इतना ही नहीं, ब्रॉन्ज मेडल मैच में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हरा दिया था। उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग भड़क उठे थे, क्योंकि एशियन गेम्स में भाग लेने से पहले उन्होंने किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था। उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी।
कॉमनवेल्थ गेम्स- 2022 में जीता था गोल्ड
बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्री स्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 से मात दी थी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था, हालांकि उस गोल्ड मेडल जीत के बाद वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं।
WFI चुनाव को लेकर लौटाया था पद्मश्री अवॉर्ड

रेसलर बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। इस चिट्ठी में बजरंग ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया था।4 महीने पहले प्रधानमंत्री आवास में एंट्री नहीं मिलने पर बजरंग ने अपना अवॉर्ड सामने फुटपाथ पर रख दिया। बजरंग ने कहा, ‘महिला पहलवानों के अपमान के बाद मैं ऐसी सम्मानित जिंदगी नहीं जी पाऊंगा, इसलिए अपना सम्मान लौटा रहा हूं। अब मैं इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकता।’
[ad_2]
Source link