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TDS rule changes in Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घर के किराए पर टीडीएस के नियम में भी बदलाव किया है. सरकार ने घर के किराए पर टीडीएस से छूट की लिमिट को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 6 लाख रुपये कर दिया है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इससे TDS के दायरे में आने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या घटेगी. अब सवाल यह आता है कि इस नए नियम से किसे ज्यादा फायदा होगा किराएदार या मकान मालिक को? आइए जानते हैं.
मकान मालिक और किराएदार दोनों को फायदा
मान लीजिए आपने अपने किसी मकान को सालाना 2.4 लाख रुपये पर किराए पर दिया है. अब तक टीडीएस काटने के बाद किराएदार आपको किराया देता था, जबकि अब ऐसा नहीं है. अब TDS काटे बगैर किराया देना पड़ेगा. इसके चलते किराए के रूप में आपके पास आने वाला अमाउंट बढ़ जाएगा. इससे मकान मालिक और किराएदार दोनों को फायदा होगा क्योंकि TDS पर छूट की लिमिट को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया है.
इन किराएदारों को मिलेगी बड़ी राहत
दरअसल, बीते कुछ सालों में घरों का किराया तेजी से बढ़ा है. पहले महीने के 20,000 रुपये किराए पर किराएदार को टीडीएस काटना पड़ता था, जबकि अब 50,000 रुपये तक किराए पर भी ऐसा करने की जरूरत नहीं है. इससे महानगरों में किराए पर रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
किराए पर कितने टीडीएस डिडक्शन की है इजाजत
बजट में किए गए नए बदलाव के बाद अब जिन घरों का सालाना किराया 6 लाख रुपये से ज्यादा है, तो किराएदार को टीडीएस डिडक्शन के बाद मकान मालिक को किराया देना होगा. बता दें कि किराएदार को किराए पर 10 परसेंट ही टीडीएस काटने की अनुमति है. अगर मकान मालिक के पास अपना पैन कार्ड नहीं है, तो फिर टीडीएस का रेट बढ़कर भी 20 परसेंट हो जाएगा.
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बजट में TDS के नियम में बदलाव का किसे होगा फायदा?