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गुटका मंगवाने के बहाने बुलाया था घर
मृतका के पिता ने बताया कि आरोपी हीरा लाल उर्फ गुड्डू मजदूरी करता था। घटना वाले दिन आरोपी काम की तलाश में निकला, लेकिन उसे काम नहीं मिला। शराब पीकर आरोपी घर आया और उसने चिकन बनाया। बेटी को दुकान पर कुछ सामान लेने भेजा था। उस समय काफी धुंध थी। बेटी के दुकान पर पहुंचने से पहले रास्ते में उसे आरोपी हीरा लाल मिला। उसने बच्ची को रोककर 10 रुपये का गुटका लाने को कहा। आरोपी ने बच्ची को घर से पैसे देने की बात कही। उसने बच्ची को घर बुलाया और जबरदस्ती उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
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बैग में डालकर ले गया था बच्ची का शव
आरोपी हत्या करने के बाद शव बैग में डालकर घर से निकला, ताकि किसी को शक न हो। आरोपी ने रामदरबार में जंगल में कूडे़ में बैग से निकालकर शव फेंक दिया। एसएसपी कंवरदीप कौर ने आरोपी पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया। मृतका के पिता ने कहा कि कड़ी मेहनत करने के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ा था। पुलिस की बदौलत ही आज आरोपी को फांसी की सजा हो सकी।
खिड़की खुली छोड़कर भाग गया था आरोपी, यहीं से पुलिस को मिली लीड
19 जनवरी 2024 को बच्ची पड़ोस की एक दुकान से सामान खरीदने गई थी, लेकिन वह वापस नहीं लौटी। पुलिस ने मामले में 363 का केस दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस की टीम ने घर के आसपास सर्च किया। पुलिस को एक घर की खिड़की खुली मिली। शक के आधार पर पुलिस ने घर की तलाशी ली तो वहां खून से सनी रजाई पड़ी थी। पास में एक चाकू पड़ा हुआ था। लेकिन आरोपी वहां से भाग चुका था।
400 लोगों ने चौकी के बाहर निकाला था कैंडल मार्च
पुलिस ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातार काम कर रही थी। लगभग 300 से 400 लोगों ने हल्लोमाजरा चौकी के बाहर कैंडल मार्च निकाला। पुलिस पर आरोपी को पकड़ने का काफी दबाव था।
बार बार कर रहा था मोबाइल बंद
आरोपी वारदात करने के बाद ट्रेन से बिहार पहुंचा था। आरोपी बार बार मोबाइल को बंद कर रहा था तो कभी ऑन कर रहा था। जैसे ही मोबाइल बंद होता था तो पुलिस ट्रेन के रूट के हिसाब से अगले स्टेशन पर पहुंच जाती थी। आरोपी की तस्वीर उनके पास थी। स्टेशन पर कंबल उठा उठाकर लोगों को चेक किया गया। छह से 7 स्टेशनों पर इसी तरह पुलिस आरोपी की तलाश करती रही।
आरोपी को पकड़ने के लिए हल्लोमाजरा चौकी के पूर्व इंचाई सब इंस्पेक्टर रवदीप सिंह तीन मुलाजिमों के साथ कार में बिहार के आरा पहुंचे। जहां आखरी बार आरोपी का मोबाइल स्विच ऑफ हुआ था। चूंकि आरोपी पेंटर था। इसलिए आरा पहुंचने के बाद पुलिस ने कई कोठियों में जाकर चेक किया जहां पेंट का काम चल रहा था। पांच से छह दिन के बाद पुलिस ने 25 जनवरी 2004 को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए किस्मत ने उनका साथ दिया। मूल रूप से आरोपी कोलकाता का रहने वाला है। 10 साल बाद वह बिहार गया था।
पॉक्सो के केस में जांच पूरी कर 60 दिन में चार्जशीट दाखिल कर देते हैं। अगर सब कुछ समय से हो तो आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी। – कंवरदीप कौर, एसएसपी चंडीगढ़
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