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फोर्ड के दो प्लांट में व्हीकल्स बनते थे। एक चेन्नई में और एक गुजरात में।
अमेरिकी ऑटो मेकर कंपनी फोर्ड मोटर ने भारत में फिर से कारों की मैन्युफैक्चरिंग करने का फैसला किया है। कंपनी चेन्नई मैन्युफैक्चरिंग स्थित प्लांट में कार बनाएगी। यहां बनने वाली कारों को सिर्फ ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट किया जाएगा, लेकिन भारत में नहीं बेचा जाएगा।
फोर्ड मोटर ने एक स्टेटमेंट जारी कर इसकी जानकारी दी। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वर्तमान में कंपनी तमिलनाडु में 12,000 लोगों को रोजगार देती है। अगले तीन साल में इस संख्या में 2,500 से 3,000 की और वृद्धि होने की उम्मीद है।
कंपनी का गुजरात के साणंद में एक इंजन यूनिट भी है, जो दुनिया भर में फोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा सैलेरिड वर्कफोर्स है। फोर्ड ने देश में अपने पुराने 10 लाख ग्राहकों को कस्टमर सपोर्ट के लिए ऑपरेशंस जारी रखे हैं, इनमें कार सर्विस, पार्ट्स और वारंटी से जुड़ी सर्विसेज हैं।
2012 में चेन्नई के पास फोर्ड फैक्ट्री में असेंबली-लाइन पर काम करते कर्मचारी।
यहां से सिर्फ एक्सपोर्ट की जाएंगी कारें कंपनी ने करीब 3 साल पहले भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस बंद कर दिए थे। अब तमिलनाडु सरकार के साथ चेन्नई प्लांट में काम शुरू करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) साइन किया है। इस प्लांट से कंपनी के फोर्ड+ ग्रोथ प्लान के तहत ग्लोबल मार्केट्स में एक्सपोर्ट के लिए गाड़ियां तैयार की जाएंगी।
फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप के प्रेसिडेंट की हार्ट (Kay Hart) ने कहा, ‘हम चेन्नई प्लांट के लिए तमाम ऑप्शन की तलाश कर रहे हैं, तब हम तमिलनाडु सरकार की तरफ से मिल रही मदद के लिए आभारी हैं।’
मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने स्वागत किया हार्ट के साथ लेटर ऑफ इंटेंट पर मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने हस्ताक्षर किए। उन्होंने फोर्ड की तमिलनाडू में वापसी पर स्वागत किया। उन्होंने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट कर कहा, ‘हमने फोर्ड की तमिलनाडु के साथ तीन दशक पुरानी साझेदारी को फिर शुरू किया है।’
टाटा मोटर्स ने खरीदा था फोर्ड का साणंद प्लांट पिछले साल जनवरी में टाटा मोटर्स ने अपने EV प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए गुजरात में फोर्ड के साणंद प्लांट का अधिग्रहण किया था। 2021 में फोर्ड ने कोविड-19 महामारी के दौरान घाटे और पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में मंदी के बीच भारत में ऑपरेशन बंद करने की घोषणा की थी।
2018 में 10 लाख ग्राहकों का आंकड़ा छुआ था फोर्ड ने भारत में 1995 में महिंद्रा से पार्टनरशिप करके एंट्री की थी। उस वक्त कंपनी का नाम महिंद्रा फोर्ड इंडिया लिमिटेड (MFIL) था। फोर्ड इंडिया ने जुलाई 2018 में 1 मिलियन (10 लाख) ग्राहकों के आंकड़ा छुआ था। तब कंपनी के प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग मेहरोत्रा ने कहा था कि भारत में 10 लाख ग्राहकों तक पहुंचने पर हमें गर्व हो रहा है। अपने ग्राहकों के विश्वास के लिए हम ऋणी हैं।
फिगो, एस्पायर, इकोस्पोर्ट जैसी कारें बेचती थी फोर्ड फोर्ड भारत में फिगो, एस्पायर, इकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसी कारें बेचती थी। फोर्ड साणंद (गुजरात) और मराईमलाई (चेन्नई) प्लांट में अपने व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग करती थी। इसमें करीब 4000 कर्मचारी काम करते थे। देशभर में कंपनी के 11,000 से अधिक कर्मचारी थे।
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फोर्ड चेन्नई प्लांट में फिर कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी: ढाई से तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, लेकिन यहां नहीं मिलेंगी कंपनी की कारें