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Yash Johar Blockbuster Movies : ये कहानी है बॉलीवुड के एक ऐसे सितारे की जो मुंबई में रोजी-रोटी कमाने के लिए घर से भागकर आया था. शुरुआत में फोटोग्राफी का काम मिला. फिर उसने फिल्म लाइन में एंट्री ली. हर तरह का काम सीखा. देवानंद के कहने पर अपना प्रोडक्शन हाउस खोला और ऐसी फिल्में बनाईं कि हिंदी सिनेमा को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया. फैमिली ड्रामा को पर्दे पर पारिवारिक मूल्यों के साथ दिखाया. 5 साल में 3 ब्लॉकबस्टर ऐसी फिल्में बनाईं, जिनके किरदार हमेशा के लिए अमर हो गए. तीनों फिल्मों हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक मूवी बन गईं.
‘कामयाबी के लिए मेहनत बहुत जरूरी होती है. फिल्म प्रोडक्शन के लिए पैसे की नहीं, समय की बचत की जरूरत होती है. पैसा और समय एकदूसरे के दुश्मन हैं.’ अपने एक इंटरव्यू में यह बात डायरेक्टर-प्रोड्यूसर करण जौहर के पिता यश जौहर ने कही थी. यश जौहर ने 1950 में अपने करियर की शुरुआत एक स्टिल फोटोग्राफर के रूप में की थी. उनका बचपन लाहौर में बीता. बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली में आकर बस गया. उनके पिता की मिठाई की दुकान थी. अपने 9 भाई-बहनों में यश जौहर सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे थे. शुरुआत में पिता का कारोबार संभाला. घर से कुछ बनने की चाह में मुंबई पहुंच गए. मां ने अपने गहने बेचकर किसी तरह उन्हें पैसे दिए.

मुंबई में यश जौहर नौकरी की तलाश में टाइम्स ऑफ इंडिया के दफ्तर पहुंच गए. उन्हें मेन फोटोग्राफर के साथ काम पर लगा दिया गया. यश जौहर पढ़े-लिखे थे. वो पहले शख्स थे जिन्होंने मधुबाला की तस्वीरें खींची थीं. उस जमाने में मधुबाला बहुत बड़ी एक्ट्रेस थीं. वो अपनी तस्वीरें किसी भी खींचने नहीं देती थीं. यश जौहर की नौकरी पक्की हो गई. फिर वो फिल्म लाइन में आ गए. प्रोडक्शन संभालने लगे. उन्होंने एस मुखर्जी के साथ भी काम किया. सुनील दत्त के प्रोडक्शन में भी काम किया. फिर लंबे अरसे तक वो देवानंद के नवकेतन फिल्म्स के लिए काम करते रहे. उन्होंने गाइड, ज्वेल थीफ, प्रेम पुजारी, हरे रामा हरे कृष्णा में देवानंद को असिस्ट किया.

देवानंद वो पहले शख्स से थे जिन्होंने यश जौहर को अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू करने की सलाह दी थी. यश जौहर ने 1976 में धर्मा प्रोडक्शंस शुरू किया था. धर्मा प्रोडक्शन का नाम उद्योगपति एसपी हिंदूजा के बेटे धर्म के नाम पर रखा गया था. ‘दोस्ताना’ इस प्रोडक्शन की पहली फिल्म थी जो कि 1980 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म को हिंदूजा परिवार ने ही फाइनेंस किया था. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन-शत्रुघ्न सिन्हा और जीनत अमान लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर-डुपर हिट रही थी.

दोस्ताना फिल्म के बाद यश जौहर ने दुनिया (1984), मुकद्दर का फैसला, अग्निपथ (1990), गुमराह, डुप्लिकेट जैसी फिल्में बनाईं लेकिन वो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं. गुमराह-डुप्लिकेट को महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था. फिल्में फ्लॉप होने से यश जौहर को बहुत घाटा लगा. उन्हें अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी. उनकी पत्नी को अपने गहने बेचने पड़े. यश जौहर ने फिल्मों से दूरी बना ली. वो इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का भी बिजनेस करने लगे.

दिलचस्प बात यह है कि यश जौहर की शादी हीरू चोपड़ा से हुई थी जो कि जाने-माने फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर यश चोपड़ा-बीआर चोपड़ा की बहन थीं. यानी यश जौहर और यश चोपड़ा के बीच जीजा-साले का नाता था. दोनों ही अब इस दुनिया में नहीं हैं. इस तरह से आदित्य चोपड़ा और करण जौहर रिश्ते में भाई लगते हैं. रिश्ते में रानी मुखर्जी करण जौहर की भाभी लगती हैं. यही वजह है कि दोनों प्रोडक्शन हाउस एकदूसरे की फिल्में प्रमोट और डिस्ट्रीब्यूट करते रहते हैं. यश जौहर, आदित्य चोपड़ा की फिल्में में कभी कपड़े डिजाइन करते हैं तो कभी स्क्रीनप्ले लिखते हैं. दोनों परिवारों में घनिष्ठ संबंध हैं.

1998 में समय ने पलटा खाया. यश जौहर के बेटे करण की बचपन से ही रुचि फिल्मों में थी. 1994 में उन्होंने आदित्य चोपड़ा के साथ ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में असिस्टेंट डायरेक्टर का काम किया. फिल्म में एक छोटा सा रोल भी उन्होंने किया था. 1998 में उन्होंने काजोल-शाहरुख खान और रानी मुखर्जी के साथ ‘कुछ कुछ होता है’ फिल्म बनाई. इस फिल्म ने इतिहास रच दिया. फिल्म ने धर्मा प्रोडक्शंस के सितारे बुलंद कर दिए. यह फिल्म हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक मूवी बन गई. राहुल-अंजलि के कैरेक्टर हमेशा के लिए अमर हो गए. 10 करोड़ के बजट में बनी इस मूवी ने 106 करोड़ का वर्ल्डवाइड कलेक्शन किया था. यह एक ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी.

करण जौहर ने साल 2001 में एक बार फिर से इसी सफलता को अपनी दूसरी फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ में दोहराया. इस फैमिली ड्रामा फिल्म में तीन जनरेशन के सुपरस्टार एकसाथ नजर आए थे. बड़ी स्टारकास्ट-भव्य सेट के साथ करण जौहर ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. अमिताभ बच्चन-जया बच्चन ने मूवी में पति-पत्नी का रोल निभाया था. कभी खुशी कभी गम में शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म की स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन सबकुछ करण जौहर ने किया था. यश जौहर ने फिल्म को प्रोड्यूस किया था. 40 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 135 करोड़ का वर्ल्ड वाइड कलेक्शन किया था. यह एक ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी.

यश जौहर जिस सफलता को देखने के लिए तरसते रहे, वो उनके बेटे करण जौहर ने कर दिखाया. धर्मा प्रोडक्शंस ने ‘कल हो ना हो’ फिल्म के साथ ही 2003 में सक्सेस की हैट्रिक लगाई. इस फिल्म को निखिल आडवाणी ने डायरेक्ट जरूर किया था लेकिन स्टोरी-स्क्रीनप्ले सबकुछ करण जौहर का था. फिल्म को यश जौहर ने प्रोड्यूस किया था. फिल्म में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और सैफ अली खान नजर आए थे. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही करण जौहर के अपने पिता की बीमारी के पता चला. यश जौहर कैंसर से पीड़ित थे. 26 जून 2004 को उनका निधन हो गया.

यश जौहर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने देवानंद के नवकेतन फिल्म प्रोडक्शन में 9 साल काम किया. मेरा एक असिस्टेंट था, वो देवानंद की बहन का लड़का था. एक दिन जब मैं दफ्तर में घुसा तो देखा कि वो मेरी कुर्सी पर बैठा हुआ है. उसी दिन मैंने नवकेतन फिल्म्स को छोड़ दिया. मैंने किसी से अपने रिश्ते नहीं बिगाड़े. ‘कुछ-कुछ होता है’ मेरे बेटे ने बनाई. इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है. 25 साल की उम्र में उसने कारनामा कर दिखाया था. पहली ही फिल्म में नेशनल अवॉर्ड पा गया. मैंने एक और टाइटल ‘कभी खुशी कभी गम रजिस्टर किया है. इस फिल्म में बड़ी स्टारकास्ट होगी. शाहरुख मेरे दिल के करीब है. वो मुझे अंकल बुलाता था. मैं खुशकिस्मत हूं कि उसने मेरे साथ काम किया.’
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‘फोटोग्राफर’ ने बनाईं 5 साल में बनाईं 3 फिल्में, हर मूवी हुई ब्लॉकबस्टर, बस गईं जेहन में
