in

फुटबॉल का शौक था, गोल्ड बैडमिंटन में जीता… पेरिस में सोना जीतने वाले हरियाणा के छोरे नितेश को मिला अर्जुन अवार्ड Haryana News & Updates

फुटबॉल का शौक था, गोल्ड बैडमिंटन में जीता… पेरिस में सोना जीतने वाले हरियाणा के छोरे नितेश को मिला अर्जुन अवार्ड Haryana News & Updates

[ad_1]

Last Updated:

हरियाणा के छोरे नितेश कुमार ने 15 साल की उम्र में विशाखापट्टनम में ट्रेन की चपेट में आने से अपना बायां पैर खो दिया. लेकिन बाद में बैडमिंटन में शानदार प्रदर्शन किया और पेरिस में गोल्ड मेडल जीता था.

चरखी दादरी जिले के गांव नांधा के नितेश लुहाच को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है.

हाइलाइट्स

  • नितेश को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
  • ट्रेन हादसे में पैर गंवाने के बाद बैडमिंटन में बनाया करियर.
  • पेरिस पैरा-ओलंपिक में जीता था स्वर्ण पदक.

चरखी दादरी. पेरिस में पैरा-ओलंपिक में बैडमिंटन एकल प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करने वाले हरियाण के चरखी दादरी जिले के गांव नांधा के नितेश लुहाच को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है. नितेश पहले फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी थे और इसी खेल में अपना भविष्य देखते थे. हालांकि, 15 साल की उम्र में विशाखापट्टनम में ट्रेन की चपेट में आने से उन्होंने अपना बायां पैर खो दिया. इसके बाद उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया और इसमें महारत हासिल कर पैरा ओलंपिक में बड़ा मुकाम हासिल किया. नितेश को अर्जुन अवार्ड मिलने पर उनके पैतृक गांव नांधा में खुशी का माहौल है और लड्डू बांटकर जश्न मनाया जा रहा है.

गांव नांधा निवासी नितेश लुहाच के पिता इंडियन नेवी से रिटायर्ड हैं और परिवार के साथ जयपुर में रहते हैं. नितेश की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही अपने ताऊ गुणपाल के पास रहते हुए हुई थी. इसके बाद पिता की पोस्टिंग के अनुसार अलग-अलग शहरों में पढ़ाई की. नितेश के ताऊ गुणपाल और चाचा सत्येंद्र ने बताया कि नितेश जब 15 साल के थे, तब उनके पिता बिजेंद्र सिंह की पोस्टिंग विशाखापट्टनम में थी. एक दिन फुटबॉल खेलने के बाद नितेश अपने दोस्त के घर गया, जिसके पिता रेलवे में काम करते थे. वापसी में रेलवे यार्ड में रेल की पटरी पार करते समय ट्रेन की चपेट में आ गए और उनका पैर जांघ के पास से कट गया.

इसके बाद नितेश ने रिकवर होने के लिए बेड रेस्ट लिया और फुटबॉल छोड़ दिया. टाइम पास करने के लिए उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया. कॉलेज में कोच ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें निखारा. इसके बाद नितेश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज देश के लिए गोल्ड जीतकर साबित कर दिया कि बिना पैर के भी दुनिया नापी जा सकती है.

नितेश के गांव लौटने पर ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सम्मानित किया था.

पिछले दिनों नितेश के गांव लौटने पर ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सम्मानित किया था. नितेश की उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया है. बेटे की उपलब्धि पर गांव नांधा में परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

गांव नांधा में परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

बीजिंग पैरा ओलंपिक में जीता था सिल्वर

नितेश ने बीजिंग पैरा ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया था और सिल्वर मेडल जीता था. लेकिन उनकी तमन्ना देश के लिए गोल्ड जीतने की थी. इसके लिए उन्होंने और अधिक मेहनत की और जो सपना बीजिंग में अधूरा रह गया था, उसे पेरिस में पूरा कर दिखाया.

homeharyana

पेरिस में सोना जीतने वाले हरियाणा के छोरे नितेश को मिला अर्जुन अवार्ड

[ad_2]

White House ने भी माना भारत का लोहा, कहा-“ग्लोबल हेल्थ समस्याओं से निपटने की साझेदारी अहम” – India TV Hindi Today World News

White House ने भी माना भारत का लोहा, कहा-“ग्लोबल हेल्थ समस्याओं से निपटने की साझेदारी अहम” – India TV Hindi Today World News

ऑस्ट्रेलियन ओपन-बोपन्ना की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स के दूसरे राउंड में:  अल्कराज ने पूर्तगाल के नूनो बोर्गेस को हराया, ज्वेरेव सीधे सेटों में जीते Today Sports News

ऑस्ट्रेलियन ओपन-बोपन्ना की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स के दूसरे राउंड में: अल्कराज ने पूर्तगाल के नूनो बोर्गेस को हराया, ज्वेरेव सीधे सेटों में जीते Today Sports News