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फिटनेस की चाह में खतरा मोल ले रहे युवा, स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर से बढ़ी कूल्हे की समस्या Health Updates

फिटनेस की चाह में खतरा मोल ले रहे युवा, स्टेरॉयड और प्रोटीन पाउडर से बढ़ी कूल्हे की समस्या Health Updates

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Protein Powder is Harmfull for Health: आज के समय में देखा जा रहा है कि ज्यादातर लोग अपने आपको फिट रखने के लिए जिम जाना ज्यादा पसंद करते है और जिम के साथ – साथ ही वो बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर का भी सेवन करते है. लेकिन उन्हें पता नहीं है कि प्रोटीन पाउडर उनकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है. हड्डी रोग एक्सपर्ट के एक समूह ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता जताते हुए कहा है कि स्टेरॉयड और असत्यापित प्रोटीन पाउडर के दुरुपयोग से जिम जाने वाले 20-29 साल की उम्र के युवाओं के कूल्हों को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है.

20-29 साल के लोगों में ज्यादा दिक्कतें

यह चेतावनी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘दिल्ली हिप 360’ सम्मेलन के दौरान दी गई, जहां हड्डी रोग एक्सपर्ट ने युवाओं में एवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) और कूल्हे की प्रारंभिक क्षति के मामलों में चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डाला, जो कि आमतौर पर वृद्धों में देखी जाती है. सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. एल. तोमर ने कहा, ‘‘हम हाल के साल में युवा रोगियों में कूल्हे से संबंधित शिकायतों में उल्लेखनीय वृद्धि देख रहे हैं. हर सप्ताह मेरी ओपीडी में, मैं 30 साल से कम उम्र के दो से तीन रोगियों को देखता हूं, जिनमें से कई की उम्र 20-29 साल के आसपास होती है, जो लगातार कूल्हे के दर्द की शिकायत करते हैं.’’

दिल्ली के मैक्स अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट इकाई के प्रमुख डॉ. तोमर ने कहा, ‘‘अक्सर जांच में एवस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) का पता चलता है, जो एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कूल्हे की हड्डी में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है, जिससे हड्डी बेकार हो जाती है. इनमें से 70 फीसदी से ज्यादा मामलों में एनाबॉलिक स्टेरॉयड के उपयोग या असत्यापित प्रोटीन पाउडर के अत्यधिक सेवन का इतिहास होता है.’’ उन्होंने कहा कि हाल के रिसर्च से पता चला है कि युवाओं में कूल्हे की समस्याओं में वृद्धि हुई है और शराब और स्टेरॉयड का उपयोग युवाओं में एवीएन के लिए प्रमुख कारण है.

अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं- डॉ. तोमर 

हाल ही में, महाराष्ट्र एफडीए ने प्रोटीन पाउडर पर राज्यव्यापी जांच शुरू की, क्योंकि कई ब्रांड में प्रदर्शन-बढ़ाने वाले स्टेरॉयड पाए गए थे, जिनमें से कई उचित लेबलिंग या अनुमोदन के बिना ऑनलाइन या जिम में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं. डॉ. तोमर ने बताया कि युवा, विशेषकर जल्दी शारीरिक परिवर्तन की चाहत रखने वाले, अनजाने में अपनी हड्डियों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं, विशेष रूप से कूल्हे के जोड़ के फीमरल हेड को, जो रक्त प्रवाह में परिवर्तन के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होता है.

वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजीव जैन ने कहा कि स्टेरॉयड, विशेषकर जब इसका दुरुपयोग किया जाता है या बिना देखरेख के सेवन किया जाता है, तो यह हड्डियों में रक्त की आपूर्ति को सीधे प्रभावित करता है. सम्मेलन में आर्थोपेडिक रिसर्चर के प्रस्तुत एक और अवलोकन से पता चला कि पिछले तीन साल में दिल्ली के तृतीयक अस्पतालों में देखे गए एवीएन के 30 फीसदी से ज्यादा मामले 35 साल से कम उम्र के रोगियों से संबंधित थे और उनमें से अधिकांश का स्टेरॉयड इंजेक्शन, मौखिक स्टेरॉयड दुरुपयोग या पूरक दुरुपयोग का इतिहास था.

सम्मेलन के वैज्ञानिक अध्यक्ष और वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि भारत में फिटनेस एक तेजी से बढ़ता उद्योग बन गया है, लेकिन उचित नियमन और शिक्षा के अभाव में. चिकित्सकों ने फिटनेस प्रशिक्षकों, प्रभावशाली व्यक्तियों और जिम मालिकों से आग्रह किया है कि वे अपने ग्राहकों को स्टेरॉयड चक्र और असत्यापित प्रोटीन सप्लीमेंट जैसे शॉर्टकट के खतरों के बारे में शिक्षित करें.

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