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फरीदाबाद की यह किसान है हौसले की खान! तोरी की खेती में संघर्ष के बाद भी चेहरे पर मुस्कान, कही ये बड़ी बात Haryana News & Updates

फरीदाबाद की यह किसान है हौसले की खान! तोरी की खेती में संघर्ष के बाद भी चेहरे पर मुस्कान, कही ये बड़ी बात Haryana News & Updates

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Faridabad News: फरीदाबाद के चंदावली गांव की किसान कुन्ती पिछले 20 साल से तोरी की खेती कर रही हैं. 1 किला जमीन पर खेती में ₹1 लाख से अधिक खर्च के बावजूद मंडी में भाव सिर्फ ₹20–30 किलो मिल रहा है.

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तोरी की खेती में कुन्ती की उम्मीद और संघर्ष.

हाइलाइट्स

  • कुन्ती 20 साल से तोरी की खेती कर रही हैं.
  • मंडी में तोरी का भाव 20-30 रुपये किलो मिल रहा है.
  • कुन्ती ने खेती में 1 लाख रुपये से अधिक खर्च किया है.

फरीदाबाद. खेत में पसीना बहाओ, तो कुछ न कुछ फल जरूर मिलता है. यह कहना है बल्लभगढ़ के चंदावली गांव की रहने वाली किसान कुन्ती का, जो पिछले 20-25 सालों से तोरी की खेती कर रही हैं. खेती उनके लिए सिर्फ रोज़ी-रोटी नहीं, बल्कि उम्मीद और संघर्ष की कहानी है. दिन भर की मेहनत के बाद भी अगर बाजार में सही दाम न मिले तो दिल टूट जाता है, लेकिन कुन्ती जैसे किसान आज भी खेती में अपना सब कुछ लगाए हुए हैं. सिर्फ इस भरोसे पर कि मेहनत कभी खाली नहीं जाती.

कुन्ती ने Local18 को बताया कि वे दयालपुर गांव में 1 किला जमीन पर तोरी की खेती करती हैं. यह जमीन पट्टे पर ली गई है जिसके लिए सालाना 30 हज़ार रुपये प्रति किला के हिसाब से पट्टा देना पड़ता है. खेत की तैयारी में भी काफी मेहनत लगती है 3 से 4 बार जुताई करनी पड़ती है, ताकि मिट्टी नरम होकर बीज के लिए तैयार हो सके. तोरी के बीज छोटे होते हैं इसलिए एक किला में आधा किलो बीज ही काफी होता है.

इस फसल को तैयार होने में लगभग 3 से 4 महीने लगते हैं और गर्मियों में तो और भी ज्यादा ध्यान देना पड़ता है. कुन्ती बताती हैं कि गर्मी में हर हफ्ते खेत में पानी देना जरूरी होता है वरना फसल सूख जाती है. उन्होंने कहा तोरी की फसल अभी दो-तीन महीने और चलेगी लेकिन चिंता इस बात की है कि मंडी में दाम बहुत कम मिल रहे हैं.

मौजूदा समय में मंडी में तोरी का भाव 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक जा रहा है, जबकि लागत कहीं ज्यादा आ रही है.कुन्ती ने बताया कि एक किला खेती में जिसमें एक लाख रुपये से ज्यादा खर्च आ गया लेकिन अब लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि अगर तोरी 50 रुपये किलो बिके तभी कुछ फायदा हो पाएगा.

कुन्ती जैसी महिलाएं खेती को सिर्फ काम नहीं अपनी जिम्मेदारी मानती हैं. वे कहती हैं हम तो बस उम्मीद में लगे हैं कि मेहनत रंग लाएगी. खेती में सब कुछ लगा रखा है पसीना, समय और सपना. बस दाम अच्छे मिल जाएं तो मेहनत सफल हो जाएगी.

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Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Producer for Local 18 at News18, bringing over one years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology.He has worked as… और पढ़ें

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