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क्रेडाई की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में टियर-1 शहरों में आवास की मांग में वृद्धि देखी गई है. इस दौरान प्राथमिक आवास बिक्री रिकॉर्ड 3.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. जनवरी से जून 2025 के बीच, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) ने राजस्व में 26% हिस्सेदारी दर्ज की है जो पहले 23% थी. खास बात है कि पूरे एनसीआर में 3 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी कुल बिक्री मूल्य का 73% रही, जो अपने आप में बड़ी बात है. वहीं दूसरे नंबर पर मौजूद मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में राजस्व में 23% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. बेंगलुरु में खास बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिली स्थिर प्रदर्शन करते हुए 4% की मामूली वृद्धि दर्ज की. जबकि पुणे सहित कुछ शहरों में बिक्री मूल्य और यूनिट बिक्री दोनों में गिरावट देखी गई है.
टॉप पर है गुरुग्राम का ये इलाका
प्रीमियम घरों के लिए पहली पसंद के रूप में गुरुग्राम का द्वारका एक्सप्रेसवे अभी भी टॉप पर चल रहा है. इसके साथ ही गोल्फ कोर्स रोड, न्यू गुरुग्राम और नोएडा एक्सटेंशन जैसे इलाकों में भी खरीदारों की बड़ी संख्या देखी जा रही है. ये जगहें उन लोगों की पहली पसंद बन चुकी हैं जो लक्जरी और खुली जगहों की तलाश में हैं.यहां सिर्फ इमारतों का समूह नहीं हैं, बल्कि हरियाली, माइक्रो मार्केट्स, आधुनिक सुविधाएं और भीड़भाड़ से अलग बेहतरीन कनेक्टिविटी भी है. साथ ही रेरा और स्वामीह फंड जैसे सरकारी सुधारों और सड़कों, मेट्रो जैसी सुविधाओं के चलते भी लोग इन्हें पसंद कर रहे हैं.
बीपीटीपी के नेशनल सेल्स हेड, हरिंदर ढिल्लोन कहते हैं कि, ‘क्रेडाई की रिपोर्ट में जिस तरह दिल्ली-एनसीआर के प्रीमियम हाउसिंग मार्केट में हुई वृद्धि को दर्शाया गया है, उससे द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे सूक्ष्म बाजारों में खरीदारों का भरोसा साफ दिखता है, साथ ही अब लोग खुले, लक्जरी और प्रकृति के करीब रहने वाले घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो जरूरी शहरी सुविधाओं से भी जुड़े हों. यहां परिवार सिर्फ घर नहीं खरीदते, बल्कि एक ऐसी जीवनशैली में निवेश कर रहे हैं जहां शांति और कनेक्टिविटी का संतुलन हो. महंगे और मूल्यवान घरों की बढ़ती मांग इस विकास को आगे बढ़ा रही है और एनसीआर को प्रीमियम रेजिडेंस का एक मजबूत केंद्र बना रही है. यह दिखाता है कि लोगों की ऊंची आकांक्षाएं और सुनियोजित शहरी विकास मिलकर हाउसिंग मार्केट का भविष्य तय कर रहे हैं.’
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एलांते ग्रुप के संस्थापक आकाश कोहली कहते हैं, ‘दिल्ली-एनसीआर में लक्जरी हाउसिंग का बूम यह दिखाता है कि घर खरीदारों की रूचि में हर साल कुछ न कुछ बदलाव आ रहा है. द्वारका एक्सप्रेसवे, गोल्फ कोर्स रोड और न्यू गुरुग्राम जैसे माइक्रो मार्केट प्रीमियम जीवनशैली की जबर्दस्त मांग को आगे बता रहे हैं. 2025 की पहली छमाही में एनसीआर ने देश के कुल ₹3.60 लाख करोड़ के हाउसिंग सेल्स में 26% का योगदान दिया, जिसमें 73% बिक्री मूल्य 3 करोड़ रुपये से ऊपर के घरों से आया. अकेले द्वारका एक्सप्रेसवे पर 2024 की चौथी तिमाही में कीमतों में 58% की साल-दर-साल बढ़त दर्ज की गई, जो इसे प्रीमियम घरों का हॉटस्पॉट बना रही है. खास बात है क 9,000 करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे और नोएडा का जेवर एयरपोर्ट जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर अब घरों की कीमतों को सीधे-सीधे बढ़ा रहे हैं.
ऐसे में ये कहा जा सकता है कि दिल्ली-एनसीआर भारत में प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग में सबसे आगे है. जनवरी से जून 2025 के बीच देश में हुई रिकॉर्ड 3.60 लाख करोड़ रुपये की घर बिक्री में एनसीआर का 26% योगदान इसके रियल एस्टेट में बढ़ते ग्राफ को दिखा रहा है.
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