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प्रेग्नेंसी एक ऐसा समय होता है, जब महिलाएं कई बदलावों से गुजरती हैं. इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने को लेकर कई कपल्स के मन में सवाल और डर रहते हैं. ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि प्रेग्नेंसी के दौरान कब और कैसे शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है. तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
क्या प्रेग्नेंसी में शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है?
हां, ज़्यादातर मामलों में पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाना बिल्कुल सुरक्षित है, जब तक कि डॉक्टर ने आपको मना न किया हो. गर्भ में बच्चा एमनियोटिक फ्लूइड की थैली में सुरक्षित रहता है और गर्भाशय ग्रीवा एक म्यूकस प्लग से बंद होती है, जो बच्चे को बाहरी संक्रमण से बचाता है. संभोग के दौरान लिंग बच्चे तक नहीं पहुंच पाता. हालांकि, कुछ खास स्थितियों में डॉक्टर आपको संबंध बनाने से मना कर सकते हैं.
प्रेग्नेंसी के किस महीने में बना सकते हैं शारीरिक संबंध?
ग्वालियर में गायनोकॉलजिस्ट डॉ. नमिता अग्रवाल के मुताबिक, अगर आपकी प्रेग्नेंसी में कोई दिक्कत नहीं है तो आप तीनों तिमाही में संबंध बना सकते हैं.
- पहली तिमाही: इस दौरान अक्सर महिला को मतली, थकान और मूड स्विंग्स की समस्या होती है, जिससे शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा कम हो सकती है. लेकिन, अगर आप सहज महसूस करती हैं, तो यह पूरी तरह सुरक्षित है. इस दौरान मिसकैरेज (गर्भपात) का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन यह संभोग के कारण नहीं होता, बल्कि अन्य आंतरिक कारणों से होता है.
- दूसरी तिमाही: यह प्रेग्नेंसी का सबसे आरामदायक समय माना जाता है. मतली की समस्या कम हो जाती है और एनर्जी का स्तर बढ़ता है. पेट भी इतना बड़ा नहीं होता कि परेशानी हो. इस दौरान सेक्स ड्राइव (यौन इच्छा) भी बढ़ सकती है. यह समय शारीरिक संबंध बनाने के लिए काफी सुरक्षित और आरामदायक हो सकता है.
- तीसरी तिमाही: इस तिमाही में पेट काफी बढ़ जाता है, जिससे कुछ पोजीशन असहज हो सकती हैं. बच्चा नीचे की ओर खिसकना शुरू कर देता है, लेकिन फिर भी वह सुरक्षित रहता है. इस दौरान कुछ महिलाओं को संभोग के बाद हल्के कांट्रेक्शंस महसूस हो सकते हैं, जिन्हें ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शंस कहते हैं. ये सामान्य होते हैं और असली लेबर पेन नहीं होते. डिलीवरी की तारीख पास आने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
किन स्थितियों में शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए?
कुछ खास परिस्थितियां होती हैं, जब डॉक्टर आपको शारीरिक संबंध बनाने से मना कर सकते हैं.
- ब्लीडिंग या स्पॉटिंग: अगर आपको कभी भी योनि से रक्तस्राव या स्पॉटिंग हो रही हो.
- प्लेसेंटा प्रिविया: जब प्लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा को आंशिक या पूरी तरह से ढक लेता है.
- गर्भाशय ग्रीवा की कमजोरी: अगर गर्भाशय ग्रीवा समय से पहले खुलने का खतरा हो.
- पानी की थैली फूटना: अगर पानी की थैली फट गई हो या पानी आ गया हो.
- समय से पहले प्रसव का इतिहास: अगर पहले कभी समय से पहले डिलीवरी हुई हो.
- गर्भ में एक से अधिक बच्चे: जुड़वा या इससे ज़्यादा बच्चे होने पर डॉक्टर अक्सर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं.
- योनि में संक्रमण: किसी भी तरह का संक्रमण होने पर संभोग से बचना चाहिए.
ये हैं ध्यान रखने योग्य बातें
- आरामदायक पोजीशन: पेट पर दबाव न पड़े, इसके लिए कुछ पोजीशन ज्यादा आरामदायक हो सकती हैं.
- साफ-सफाई: संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- बातचीत में खुलापन: अपने पार्टनर और डॉक्टर से खुलकर बात करें. अपनी भावनाओं और आशंकाओं को साझा करें.
- संवेदनशीलता: प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव आते हैं, इसलिए पार्टनर को संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए.
अगर आपको कोई भी शंका या चिंता है, तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. वह आपकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार सबसे अच्छी सलाह दे सकते हैं. याद रखें, प्रेग्नेंसी का यह सफर आप दोनों का है और एक-दूसरे के साथ प्यार और समझदारी से हर पल को जीना महत्वपूर्ण है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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प्रेग्नेंसी के इन महीनों में बना सकते हैं शारीरिक संबंध, ज्यादातर लोग नहीं जानते ये बात