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पैनक्रियाटिक कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो पैनक्रियाज में शुरू होती है. जो पेट के पीछे स्थित एक महत्वपूर्ण ऑर्गन है. पैनक्रियाज खाना को पचाने और ब्लड में शुगर कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है. इस कैंसर के साथ सबसे डरावनी बात यह है कि इस तरह के कैंसर का अक्सर देर से पता चलता है, जिससे इसका इलाज मुश्किल हो जाता है. वक्त रहते इसके कारणों के बारे में जानना बहुत जरूरी है. साथ ही इसके शुरुआती पहचान करना ताकि वक्त रहते इसकी रोकथाम कर ली जाए.
पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
पैनक्रियाटिक कैंसर के सबसे बड़े जोखिम कारकों में से एक धूम्रपान है. रिसर्च से पता चलता है कि धूम्रपान करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में इस बीमारी के फैलने की संभावना दोगुनी होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि तम्बाकू में मौजूद कैमिकल पैनक्रियाज की कोशिकाओं में पाए जाने वाले डीएनए को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है. हालांकि, अगर आप धूमपान छोड़ते हैं. इन गंभीर बीमारियों का जोखिम काफी ज्यादा कम होता है.
पैनक्रियाटिक कैंसर के कारण किन बीमारियों का बढ़ता है खतरा?
इसके कारण एक और गंभीर बीमारी का कारण बनता है वह क्रोनिक पैन्क्रियाटाइटिस है. जो पैन्क्रियाज में लॉन्ग टर्म सूजन का कारण होता है. काफी ज्यादा शराब पीने से भी इस बीमारी का खतरा बढ़ता है.इसमें गड़बड़ी होने पर पित्त में पथरी या जेनेटिक कारण भी हो सकता है. जिसके कारण लॉन्ग टर्म पैन्क्रियाज को नुकसान पहुंच सकता है. जिसके कारण कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है. खासकर अगर पैन्क्रियाटाइटिस परिवार में पहले से ही है.
पैनक्रियाटिक कैंसर का यह है सबसे बड़ा कारण
मोटापा और अनहेल्दी डाइट भी जोखिम को बढ़ा सकते हैं. रिसर्च से पता चलता है कि मोटे लोगों में पैन्क्रियाज के कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. बहुत अधिक रेड और प्रोसेस्ड मीट खाने से भी पैन्क्रियाज कैंसर का खतरा बढ़ता है. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा कोशिश करनी चाहिए बहुत ज्यादा मीठा ड्रिंक या अनहेल्दी फैट खाने से तेजी से मोटापा बढ़ता है. इसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण भी बनता है. दूसरी ओर, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर डाइट जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.
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टाइप 2 डायबिटीज एक और महत्वपूर्ण कारण है पैन्क्रियाज कैंसर का. रिसर्च से पता चलता है कि मधुमेह वाले लोगों में पैन्क्रियाज के कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. साइंटिस्ट अभी भी रिसर्च कर रहे हैं कि ऐसा क्यों होता है? इसके कारण हाई बीपी का लेवल बढ़ता है और इंसुलिन प्रतिरोध की भूमिका भी निभाता है. दवा, डाइट और एक्सरसाइज के जरिए काफी हद तक डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं.
पैन्क्रियाज कैंसर के सबसे बड़ा कारण
धूम्रपान, डाइट, वजन और कैमिकल के कारण पैन्क्रियाज कैंसर का खतरा बढ़ता है. जिन लोगों की इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री रही है उन्हें एक टाइम गैप में चेक करवाते रहना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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पैनक्रियाटिक कैंसर होने की ये हैं सबसे आम कारण, जानें किस वजह से बढ़ता है खतरा?