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चंडीगढ़। प्रेस क्लब में रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस एमएम कुमार (सेवानिवृत्त) ने संजीव जिंदल और उनके पुत्र अभिषेक जिंदल की लिखी पुस्तक ‘सेक्स लॉज इन इंडिया’ का विमोचन किया। जस्टिस कुमार जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए यह बेहतर किताब है। इस किताब में समाज की असलियत को सामने लाया गया है। पुलिस के कार्यप्रणाली के बारे में भी इसमें जिक्र किया है। इस मौके पर राजस्थान उच्च न्यायालय के जज जस्टिस जेसी वर्मा (सेवानिवृत्त), मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विनय मित्तल(सेवानिवृत्त), पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट संतोखविंदर सिंह ग्रेवाल उपस्थित रहे। संजीव जिंदल इस समय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सेवानिवृत्त व जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष हैं। उनके बेटे अभिषेक जिंदल पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हैं।
अभिषेक जिंदल ने बताया कि ये ऐसे विषय हैं जिनसे आम आदमी अपने जीवन में दो चार होता है और जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित भी करते हैं। किताब की भाषा बहुत सरल है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस किताब में लिव इन रिलेशनशिप, भागे हुए जोड़े, दुष्कर्म, वेश्यावृत्ति, थर्ड जेंडर कम्युनिटी के सदस्य यानी गे, लेस्बियन, बायसेक्सुअल व ट्रांसजेंडर बनाम धारा 377 आईपीसी, छेड़छाड़ और महिलाओं का यौन उत्पीड़न और सार्वजनिक अश्लीलता आदि की चर्चा है। इस अवसर पर हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल जेएस बेदी, सीनियर स्टेंडिंग काउंसिल यूटी चंडीगढ़ अनिल मेहता, सीनियर एडवोकेट अक्षय भान, पुनीत बाली व सुमीत महाजन उपस्थित रहे।
चंडीगढ़। प्रेस क्लब में रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य जस्टिस एमएम कुमार (सेवानिवृत्त) ने संजीव जिंदल और उनके पुत्र अभिषेक जिंदल की लिखी पुस्तक ‘सेक्स लॉज इन इंडिया’ का विमोचन किया। जस्टिस कुमार जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए यह बेहतर किताब है। इस किताब में समाज की असलियत को सामने लाया गया है। पुलिस के कार्यप्रणाली के बारे में भी इसमें जिक्र किया है। इस मौके पर राजस्थान उच्च न्यायालय के जज जस्टिस जेसी वर्मा (सेवानिवृत्त), मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस विनय मित्तल(सेवानिवृत्त), पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट संतोखविंदर सिंह ग्रेवाल उपस्थित रहे। संजीव जिंदल इस समय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सेवानिवृत्त व जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष हैं। उनके बेटे अभिषेक जिंदल पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हैं।
अभिषेक जिंदल ने बताया कि ये ऐसे विषय हैं जिनसे आम आदमी अपने जीवन में दो चार होता है और जो उनके दैनिक जीवन को प्रभावित भी करते हैं। किताब की भाषा बहुत सरल है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस किताब में लिव इन रिलेशनशिप, भागे हुए जोड़े, दुष्कर्म, वेश्यावृत्ति, थर्ड जेंडर कम्युनिटी के सदस्य यानी गे, लेस्बियन, बायसेक्सुअल व ट्रांसजेंडर बनाम धारा 377 आईपीसी, छेड़छाड़ और महिलाओं का यौन उत्पीड़न और सार्वजनिक अश्लीलता आदि की चर्चा है। इस अवसर पर हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल जेएस बेदी, सीनियर स्टेंडिंग काउंसिल यूटी चंडीगढ़ अनिल मेहता, सीनियर एडवोकेट अक्षय भान, पुनीत बाली व सुमीत महाजन उपस्थित रहे।
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