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गुरप्रीत सिंह सेखों, फाइल फोटो।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने ने फिरोजपुर के एसडीएम द्वारा गुरप्रीत सिंह सेखों की हिरासत पर गंभीर रुख अपनाया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि जमानत के मामले में जमानत बॉन्ड न लेना और वकील को अंदर न जाने देना मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।
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कोर्ट ने आदेश दिया है कि गुरप्रीत सिंह सेखों की जमानत तुरंत मंजूर की जाए और सभी कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि देरी करने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि यह मामला ग्राम सरपंच और याचिकाकर्ता के परिवार के बीच पुरानी राजनीतिक दुश्मनी का परिणाम है। वहीं कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है।
गुरप्रीत सिंह सेखों को रिहा करने के लिए प्रदर्शन करते हुए लोग।
पत्नी के लिए कर रहा था प्रचार
गौरतलब है कि जिला परिषद और ब्लाक समिति चुनाव से पहले पुलिस ने पूर्व गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे 7/51 बीएनएस के तहत गिरफ्तार किया गया है। गुरप्रीत सिंह सेखों अपनी पत्नी मनदीप कौर के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। उनकी पत्नी फिरोजशाह और बिलासपुर दो जगहों से जिला परिषद चुनाव लड़ रही हैं।
परिवार का आरोप है कि लोगों में उनके लिए प्यार और उत्साह देखकर सत्ता पक्ष घबराया हुआ है। इस कारण ही गुरप्रीत सिंह सेखों को गिरफ्तार किया गया है। सेखों की तीन बेटियां हैं, जिनकी तरफ से अपनी मां और समर्थकों को साथ लेकर इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया है।
सोशल मीडिया पर सहयोग मांग रहीं बेटियां
गुरप्रीत सिंह सेखों की बेटियां अपने पिता के लिए लगातार सहयोग मांगने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही हैं। उनकी तरफ से लोगों में यह प्रचार किया जा रहा है कि उनके पिता को अब जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उनकी मां के पक्ष में बढ़ रहे जनाधार की वजह से यह कदम उठाए जा रहे हैं। उनकी तरफ से प्रशासन से पिता को छोड़ने की भी मांग की जा रही है।
नाभा जेल ब्रेक और काहलवां हत्या का आरोपी है गुरप्रीत
गुरप्रीत सिंह सेखों के खिलाफ हत्या, नाभा जेल ब्रेक और पुलिस हिरासत में सुख्खां काहलवां की हत्या जैसे बड़े आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह कई आपराधिक मामलों में बरी हो चुका है और कई में जमानत पर बाहर चल रहा है। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि उसके जेल से बाहर रहने के कारण कानून व्यवस्था चरमरा सकती थी।
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पूर्व गैंगस्टर सेखों को रिहा करने के आदेश: हाईकोर्ट बोला-जमानत बॉन्ड न लेना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन; जिप चुनाव लड़ रही पत्नी – Chandigarh News
