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Men vs Women Heart Attack : दुनियाभर में पुरुषों और महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी है. कई रिसर्च बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक के वॉर्निंग साइन को ज्यादा अनदेखा किया जाता है. महिलाओं में पुरुषों को मुकाबले इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं, इसलिए वे इसे सही तरह समझ नहीं पाती हैं और इलाज में देरी हो सकती है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिला-पुरुषों में दिल की बीमारी का आम लक्षण छाती-सीने में दर्द या बेचैनी ही होता है लेकिन कई महिलाओं में ये लक्षण अलग भी देखने को मिलते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं पुरुषों और महिलाओं में दिल के दौरे (Heart Attack) के मुख्य अंतर…
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क्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक होने का खतरा कम है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिलाओं को हार्ट अटैक आने की औसत उम्र पुरुषों की तुलना में 10 साल बाद होती है, फिर भी उनकी मृत्यु दर कम नहीं होती है. WHO की 2010 की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं में मौत का सबसे आम कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज (CHD) होता है. 65 साल के बाद उनमें हार्ट अटैक और अन्य हार्ट डिजीज का रिस्क पुरुषों की तरह ही होता है. महिलाओं में हार्ट अटैक पुरुषों की तुलना करीब दोगुना तेजी से जानलेवा होता है.
महिलाओं में मेनोपॉज से पहले और बाद में हार्ट डिजीज पर असर
महिलाओं में किन वजहों से हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा
गर्भनिरोधक गोलियां ब्लड क्लॉट, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती हैं. इससे सबसे ज्यादा जोखिम उन महिलाओं को होता है, जो धूम्र पान करती हैं, जिनका ब्लड प्रेशर हाई और कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है. इसलिए इन महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण थोड़े अलग होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें सही तरह से पहचान नहीं पाती हैं. उनके सीने में तेज दर्द की बजाय सांस लेने में तकलीफ, जबड़े और कंधे में दर्द, मतली, उल्टी, बेहोशी, चक्कर आना और सुस्ती जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में जांच करवाते रहना चाहिए.
1. पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण आमतौर पर स्पष्ट होते हैं, जैसे कि छाती में दर्द या दबाव, बाएं हाथ में दर्द या झुनझुनी, और सांस लेने में कठिनाई. जबकि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अधिक अस्पष्ट हो सकते हैं, जैसे कि पीठ में दर्द या दबाव, पेट में दर्द या असहजता और सांस लेने में कठिनाई.
2. पुरुषों में हार्ट अटैक के मुख्य कारण हैं हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान और डायबिटीज, जबकि महिलाओं में हार्ट अटैक के मुख्य कारण हैं हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापा.
3. पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण आमतौर पर 30 मिनट से 2 घंटे तक रहते हैं, जबकि महिलाओं में यह 1 घंटे से 4 घंटे तक हो सकती है.
4. पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए हार्ट अटैक के बाद की देखभाल बहुत जरूरी है, ऐसे में नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और तनाव को कम करने के लिए योग-मेडिटेशन करना चाहिए.
5. पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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पुरुषों से कितना अलग होता है महिलाओं में आने वाला हार्ट अटैक, जानें खतरे