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ब्लूटूथ स्पीकर और वायरलेस राउटर आदि पुराने डिवाइसेस का यूज करना खतरे से खाली नहीं है. दरअसल, कई बार हार्डवेयर डिवाइसेस ठीक पड़े रहते हैं, लेकिन इनके सॉफ्टवेयर आउटडेटेड हो जाते हैं. ऐसे में इन्हें सिक्योरिटी अपडेट वगैरह नहीं मिल पाती और इन पर हैकिंग समेत कई खतरे मंडराने लगते हैं. आइए आज जानते हैं कि कैसे पुराने डिवाइसेस जेब पर बोझ डालने के अलावा कई और खतरे भी पैदा कर सकते हैं.

वारंटी हो जाती है पूरी
पुराने डिवाइस की वारंटी खत्म हो जाती है. ऐसे में अगर इसे जरा-सा भी डैमेज होता है तो ठीक कराना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा इसकी रिपेयर का पूरा खर्च भी आपकी जेब से जाता है. इसलिए पुराने डिवाइस को बदल लेना या इसका यूज बंद करना बेहतर विकल्प है.
हैकिंग का रहता है खतरा
पुराने डिवाइस के सॉफ्टवेयर आउटडेटेड हो जाते हैं. इसका मतलब है कि इसमें सिक्योरिटी अपडेट नहीं मिलेगी. ऐसे डिवाइस को हैक करना आसान हो जाता है. आजकल स्मार्ट होम गैजेट समेत कई डिवाइस इंटरनेट से जुड़े होते हैं. ऐसे में ये प्राइवेसी में भी दखल दे सकते हैं और डेटा चोरी की भी आशंका रहती है.
बार-बार खराब होने का डर
लंबे यूज के बाद किसी भी गैजेट या डिवाइस में बार-बार खराब होने का डर रहता है. कई बार इनमें ओवरहीटिंग जैसी समस्या आने लगती है तो कई बार ये ठीक से काम नहीं करते. ऐसे में इन्हें बार-बार रिपेयर कराना पड़ता है. यह महंगा होने के साथ-साथ आपके काम को भी प्रभावित करता है.
जल्दी खत्म होती है बैटरी
लंबे यूज के बाद डिवाइस की बैटरी भी पुरानी हो जाती है और यह पूरी कैपेसिटी के साथ काम नहीं कर पाती. इसे चलाने के बार-बार चार्ज करने की जरूरत पड़ती है. कई बार बैटरी बदलने पर भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता.
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