in

पुतिन के भारत दौरे से पहले LAC विवाद सुलझाने को तैयार हुआ चीन, बीजिंग ने दिया बयान – India TV Hindi Today World News

[ad_1]

Image Source : AP
एलएसी स्थित लद्दाख क्षेत्र

बीजिंग: इसे आप संयोग कहिये, या फिर भारत और रूस की बढ़ती दोस्ती का रणनीतिक प्रयोग….कि पुतिन के भारत दौरे की तारीख मुकर्रर होने से पहले ही चीन भारत के साथ सीमा विवादों को सुलझाने के लिए तैयार हो गया है। रक्षा मामलों के जानकार चीन को भारत के करीब लाने में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के रोल को अहम मान रहे हैं। अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद तेजी से बदलती वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच यह शक्ति संतुलन का चीन की अपनी मजबूरी भी हो सकती है। चीन को ऐसी परिस्थिति में भारत से बनाकर चलने में ही भलाई है। वह भी तब जब रूस को अमेरिका अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पहले से ही आपस में गहरे दोस्त हैं।

चीन की पीएलए ने दिया बयान

बता दें कि ऐसी वैश्विक परिस्थितियों के बीच चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारतीय सेना के साथ दृढ़ और स्थिर रक्षा संबंधों के साथ-साथ सीमा मुद्दे का निष्पक्ष व न्यायसंगत समाधान लागू करने के लिए काम करने को तैयार है। चीन के राष्ट्रीय रक्षा प्रवक्ता सीनियर कर्नल वू कियान ने यहां प्रेस वार्ता में पूर्वी लद्दाख से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों की वापसी और अनुवर्ती प्रक्रिया के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। वू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन की सेना सीमा मुद्दे पर निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाधान लागू करने के लिए अपने भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।’’

भारत के साथ सैन्य संबंधों को मजबूत करना चाहता है चीन

बता दें कि चीन भारत के साथ सैन्य संबंधों को सुधारने के साथ उन्हें मजबूत करने का भी इच्छुक है। वू ने कहा कि चीन की सेना भी ‘‘ड्रैगन (चीन के संदर्भ में) और हाथी (भारत के संदर्भ मे) के बीच सहयोग तथा सैन्य संबंध को सुदृढ़ बनाने में योगदान देना चाहेगी।’’ दोनों देशों के बीच सहयोग हाल ही में चीन में एक प्रमुख विषय बन गया है क्योंकि दोनों देशों ने पिछले साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख से लगती एलएसी से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए समझौता किया था, जिसके बाद चार साल से अधिक समय से संबंधों में आया गतिरोध भी समाप्त हो गया था।

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन में चल रहा था तनाव

जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए थे। मगर पिछले वर्ष रूस में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के अलावा संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कई उच्च स्तरीय बैठकें हुईं। इसके बाद भारत और चीन के बीच कई अन्य उच्च स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं। तब से ही दोनों देशों के संबंध फिर से पटरी पर आने लगे हैं। खास बात है कि चीन खुद भारत से संबंध प्रगाढ़ करने का इच्छुक है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सात मार्च को अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दोनों पक्षों के बीच सहयोग ही एकमात्र सही विकल्प है। (भाषा)

#

यह भी पढ़ें

इजरायली हमले में मारा गया हिजबुल्लाह का बटालियन कमांडर अहमद अदनान, IAF ने जारी किया VIDEO


 

पाक खुफिया एजेंसी के एक फोन ने मचाया हड़कंप, ISI ने कई बलूचों को बुलाया कब्रिस्तान, बलूचिस्तान में इंटरनेट बंद

Latest World News



[ad_2]
पुतिन के भारत दौरे से पहले LAC विवाद सुलझाने को तैयार हुआ चीन, बीजिंग ने दिया बयान – India TV Hindi

क्या एनर्जी ड्रिंक पीने से भी आ सकता है हार्ट अटैक? जान लीजिए क्या है सच Health Updates

क्या एनर्जी ड्रिंक पीने से भी आ सकता है हार्ट अटैक? जान लीजिए क्या है सच Health Updates

दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत 91 हजार के पार, चांदी की भी कीमत बढ़ी Business News & Hub

दिल्ली में 10 ग्राम सोने की कीमत 91 हजार के पार, चांदी की भी कीमत बढ़ी Business News & Hub