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पुतिन के भारत दौरे से क्या बदला: तेल सप्लाई का भरोसा समेत 19 डील, फाइटर जेट और रक्षा सौदे का ऐलान नहीं Today World News

पुतिन के भारत दौरे से क्या बदला:  तेल सप्लाई का भरोसा समेत 19 डील, फाइटर जेट और रक्षा सौदे का ऐलान नहीं Today World News

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपना 27 घंटे का भारत दौरा पूरा कर वापस लौट गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत की और बिजनेस फोरम को संबोधित किया।

इस दौरान भारत-रूस के बीच किसी बड़े समझौते के ऐलान नहीं हुआ। इससे पहले रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि दोनों देशों के बीच SU-57 फाइटर जेट और S-400 डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हो सकती है।

हालांकि दोनों देशों के बीच तेल सप्लाई की गारंटी समेत 19 समझौतों पर सहमति बनीं। इनमें कई अहम समझौते भी शामिल हैं।

पुतिन के भारत दौरे पर अहम समझौते

1. मैनपावर मोबिलिटी

भारत और रूस ने मैनपावर मोबिलिटी समझौता किया है। इससे दोनों देशों के नागरिक अस्थायी रूप से एक-दूसरे के देश में काम कर सकेंगे।

अगर कोई भारतीय रूस में या कोई रूसी भारत में काम करना चाहता है, तो अब और आसान हो जाएगा। साथ ही अवैध तरीके से आने-जाने पर रोक भी मजबूत होगी।

2. हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन

भारत के और रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल रिसर्च और मेडिकल शिक्षा में सहयोग का समझौता हुआ। है। यह समझौता तीन बड़े सेक्टर्स पर फोकस है।

  • स्वास्थ्य सेवाएं- दोनों देश डॉक्टरों, अस्पतालों और हेल्थ सिस्टम से जुड़े अनुभव साझा करेंगे। इसमें अस्पतालों में इलाज को बेहतर बनाना, नई बीमारियों का मिलकर अध्ययन करना और तकनीक और इलाज के आधुनिक तरीकों को साझा करना शामिल होगा।
  • मेडिकल शिक्षा- दोनों देशों के मेडिकल कॉलेज और इंस्टीट्यूट मिलकर काम करेंगे। इसमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, डॉक्टरों-मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग और रिसर्च में जॉइंट प्रोग्राम शामिल हैं।
  • मेडिकल साइंस एंड रिसर्च- इसमें नई दवाओं, वैक्सीन, और उपचार तकनीकों पर मिलकर रिसर्च करना और कैंसर, दिल की बीमारियां, दुर्लभ बीमारियों पर जॉइंट स्टडी करना शामिल हैं।

3. फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड-

यह समझौता भारत की FSSAI और रूस की उपभोक्ता सुरक्षा एजेंसी के बीच हुआ है। भारत और रूस इस बात पर साथ काम करेंगे कि दोनों देशों के लोगों को सुरक्षित और अच्छे मानक वाला खाना मिले। कोई भी खाद्य उत्पाद एक देश से दूसरे देश जाए, तो उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।

4. जहाज निर्माण

भारत और रूस ने शिपिंग, पोर्ट्स, जहाज निर्माण और आर्कटिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक नया समझौता किया है।

  • आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग- रूस आर्कटिक क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी है और वहां उसके पास मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर है। भारत अब रूस के साथ मिलकर आर्कटिक में रिसर्च, समुद्री रूट्स और ऊर्जा प्रोजेक्ट्स पर काम करेगा। इससे नए व्यापारिक रास्ते और ऊर्जा संसाधनों तक पहुंच आसान होगी।
  • शिपिंग और पोर्ट्स में साझेदारी- भारत और रूस के बीच शिपिंग को तेज और सुविधाजनक बनाने के लिए मिलकर काम होगा। पोर्ट्स के बीच कनेक्टिविटी और तकनीकी सहयोग बढ़ेगा। दोनों देश अपने समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए बेहतर रूट्स तय करेंगे
  • जहाज निर्माण- दोनों देश मिलकर जहाज बनाने, मरम्मत, तकनीक साझा करने और प्रशिक्षण में साझेदारी करेंगे। रूस ने प्रस्ताव दिया है कि आर्कटिक-क्लास जहाज साथ मिलकर बनाए जाएं। भारत में ऐसे जहाजों का निर्माण किया जाएगा, जो बर्फीले आर्कटिक और नॉर्दन सी रूट जैसे समुद्री मार्गों में काम कर सकें।
रूस जहाज निर्माण के सेक्टर में एक्सपर्ट है। दूसरी तरफ भारत भी अपने शिपयार्ड्स को बेहतर करना चाहता है।

रूस जहाज निर्माण के सेक्टर में एक्सपर्ट है। दूसरी तरफ भारत भी अपने शिपयार्ड्स को बेहतर करना चाहता है।

5. फर्टिलाइजर समझौता

भारत और रूस की बड़ी उर्वरक कंपनियों के बीच एक अहम समझौता हुआ है। इसमें रूस की उरलकेम (UralChem) और भारत की राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (RCF), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (NFL) और इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) शामिल हैं।

इस समझौते का मकसद भारत में किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराना है। समझौते के तहत रूस की उरलकेम भारत को बड़ी मात्रा में यूरिया, पोटाश, फॉस्फेट और अन्य उर्वरकों की लगातार सप्लाई करेगी।

इससे भारत में किसानों को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस लंबी साझेदारी से भारत को उर्वरक स्थिर और नियंत्रित कीमतों पर मिल सकेंगे। भारतीय कंपनियां और उरलकेम मिलकर तकनीक, कच्चा माल और प्रोडक्शन में सहयोग बढ़ाएंगी।

6. परमाणु उर्जा समझौता

भारत और रूस ने परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा और रणनीतिक समझौता किया है। इसका मकसद भविष्य की जरूरतों के मुताबिक परमाणु ऊर्जा तकनीक में साथ मिलकर काम करना है। इस समझौते के दो हिस्से हैं-

  • पोर्टेबल (मोबाइल) न्यूक्लियर पावर सिस्टम पर सहयोग- भारत और रूस अब छोटी, पोर्टेबल और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर्स (SMR–Small Modular Reactors) पर मिलकर काम करेंगे। पोर्टेबल न्यूक्लियर रिएक्टर्स एक ऐसा छोटा न्यूक्लियर प्लांट होता है जिसे जरूरत पड़ने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है और कम जगह में बिजली पैदा कर सकता है। इनका उपयोग दूर-दराज क्षेत्रों, आर्कटिक जैसे कठिन इलाकों में किया जा सकता है।
  • बड़े परमाणु संयंत्रों पर सहयोग जारी रहेगा– रूस पहले से ही तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण में भारत का साझेदार है। समझौते के तहत रूस भारत में भविष्य के परमाणु रिएक्टरों के लिए तकनीकी सहयोग, पुर्जे और ईंधन आपूर्ति जारी रखेगा। दोनों देश नए न्यूक्लियर रिएक्टर मॉडल और सुरक्षा तकनीक भी मिलकर विकसित करेंगे।

26 घंटे बाद भारत से रवाना हुए पुतिन

राष्ट्रपति पुतिन शुक्रवार रात करीब 10 बजे अपना 26 घंटे का दौरा का मॉस्को लौटे। जाने से पहले वे राष्ट्रपति भवन में स्टेट डिनर में शामिल हुए। इसका आयोजन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने किया था।

उनके लिए राजकीय भोज में भारत के अलग-अलग प्रदेशों के खास व्यंजन परोसे गए। मेन्यू में गुच्ची दून चेटिन (कश्मीरी वाल्नट चटनी के साथ भरी हुई गुच्ची), अचारी बैंगन और येलो दाल तड़का जैसे पारंपरिक पकवान शामिल थे।

रूसी प्रतिनिधिमंडल को परोसे गए ‘ऑन टेबल’ डिशेज में बंगाल का गुड़ संदेश और दक्षिण भारत का लोकप्रिय स्नैक मुरुक्कू भी रखा गया।

भोज का माहौल भारतीय और रूसी संगीत से सजाया गया। नौसेना बैंड और भारतीय वाद्ययंत्र कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत, बॉलीवुड धुनें और प्रमुख रूसी संगीत पेश किया। नौसेना बैंड ने शाहरुख खान की फिल्म ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ का गीत भी बजाया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पुतिन को एयरपोर्ट से विदा किया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने पुतिन को एयरपोर्ट से विदा किया।

भारत-रूस के बीच अहम घोषणाएं

भारत और रूस ने 2030 तक आर्थिक क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम जारी किया।

भारत ने रूस के नागरिकों के लिए 30 दिनों का ई-टूरिस्ट वीजा मुफ्त देने की घोषणा की। ग्रुप में आने वाले रूसी पर्यटकों को भी भारत मुफ्त वीजा सुविधा देगा।

रूसी सेना में भर्ती भारतीयों का मुद्दा उठा

PM मोदी ने पुतिन से मुलाकात के दौरान रूसी सेना में भर्ती हुए भारतीय नागरिकों का मुद्दा मजबूती से उठाया। मोदी ने रूस से आग्रह किया कि वहां फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द सुरक्षित रिहा किया जाए। रूस में फंसे भारतीयों के परिवार लगातार प्रदर्शन कर सरकार से अपने परिजनों को वापस लाने की मांग कर रहे हैं।

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया,

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PM मोदी ने रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती का मुद्दा उठाया है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द वहां से रिहा कराया जाए।

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नवंबर में, विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कम से कम 44 भारतीय नागरिक इस समय रूसी सेना में हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह मुद्दा रूस के सामने उठाया गया है और भारतीयों को भर्ती के ऐसे ऑफरों से दूर रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि इसमें जान का खतरा है।

PM मोदी ने पुतिन को 6 गिफ्ट दिए

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को 6 गिफ्ट दिए हैं। इनमें असमिया चाय, मुर्शिदाबाद का सिल्वर टी सेट गिफ्ट, कश्मीर का केसर, महाराष्ट्र का सिल्वर हॉर्स, मार्बल चेस सेट और श्रीमद् भगवद् गीता शामिल हैं।

1. असम ब्लैक टी- ब्रह्मपुत्र की उपजाऊ घाटियों में उगाई गई यह चाय अपने मजबूत माल्टी फ्लेवर, चमकदार रंग और पारंपरिक असमिका प्रोसेसिंग के लिए जानी जाती है। 2007 में GI टैग से सम्मानित यह चाय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और संभावित स्वास्थ्य लाभ का प्रतीक है।

2. मुर्शिदाबाद सिल्वर टी सेट- मुश्किल नक्काशियों वाला यह सिल्वर सेट पश्चिम बंगाल की कला और चाय की सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है। भारत और रूस दोनों में चाय स्नेह, संबंध और साझा कहानियों का प्रतीक है। यह सेट भारत-रूस मित्रता और चाय की परंपरा का उत्सव मनाने के लिए दिया गया।

3.कश्मीरी केसर- कश्मीर में उगाया जाने वाला यह केसर, स्थानीय रूप से कंग या जाफरान के नाम से जाना जाता है। अपने गहरे रंग, खुशबू और स्वाद के लिए मशहूर है। यह GI और ODOP के तहत संरक्षित है। इसे “रेड गोल्ड” भी कहा जाता है और यह स्वास्थ्य लाभ, परंपरा और कारीगरी का प्रतीक है।

4. सिल्वर हॉर्स- महाराष्ट्र में हस्तशिल्प से तैयार किया गया यह चांदी का घोड़ा जटिल डिजाइनों के साथ बना है। यह भारत की धातु कला की परंपरा को दर्शाता है। यह घोड़ा सम्मान और साहस का प्रतीक है, जो भारतीय और रूसी संस्कृति में समान रूप से महत्व रखता है।

5. मार्बल चेस सेट- आगरा में तैयार यह हस्तशिल्प मार्बल चेस सेट क्षेत्र की पत्थर नक्काशी कला को उजागर करता है। इसमें व्यक्तिगत नक्काशी वाले मोती, विभिन्न रंगों के पत्थर के प्यादे और फूलों की डिजाइन वाला चेकर बोर्ड है। मार्बल, लकड़ी और अर्ध-कीमती पत्थरों का मिश्रण इसे न केवल खेल के लिए बल्कि सजावट के लिए भी आकर्षक बनाता है।

6. श्रीमद् भगवद् गीता (रूसी भाषा में)- पीएम मोदी ने रूसी भाषा में ट्रांसलेट की गई श्रीमद् भगवद् गीता भी पुतिन को गिफ्ट की।

मोदी और पुतिन की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें

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