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पंजाब यूनिवर्सिटी में मेरे पढ़ाए दो विद्यार्थी वाइस चांसलर और एक प्रधानमंत्री का एडवाइजर बन चुका है। पीयू से रिटायर हो चुके प्रोफेसर केएन पाठक ने यह बताया। पीयू में उन्होंने 1970 में ज्वाइन किया था और 2006 में वह रिटायर हुए।
उन्होंने कहा कि मैंने एमएससी, बीएससी ऑनर्स और दूसरे विभागों से आए बच्चों को भी फिजिक्स पढ़ाया। मैंने टीचिंग को तनाव के रूप में नहीं बल्कि आनंद के रूप में लिया। मैं पढ़ाने के लिए लेसन पहले से तैयार करके कक्षा में जाता था। मैं 24 में से 8 घंटे अपनी टीचिंग में खोया रहता था।
उनके पढ़ाए विद्यार्थियों ने अपना नाम कमाया। उनके पढ़ाए दो विद्यार्थी वाइस चांसलर बने। आज भी विद्यार्थियों से उनका रिश्ता कायम है। इस बार उनके विद्यार्थियों ने उनके 84वें जन्मदिन पर पीयू के फिजिक्स विभाग में उनसे पौधरोपण भी करवाया था। उन्होंने शिक्षकों के लिए कहा कि वह अपने प्रोफेशन के लिए ईमानदार बने, क्योंकि शिक्षकों के कंधों पर देश की नई पीढ़ी है, जिनको शिक्षक सही दिशा दे सकते हैं।
उनके विद्यार्थी रहे प्रोफेसर अरुण ग्रोवर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज में फिजिक्स के सीनियर प्रोफेसर रहे और उसके बाद 2012 में पीयू में वीसी बनकर आए। इसके अलावा डॉ. टंकेश्वर कुमार हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में वीसी बने। एक विद्यार्थी अजय सूद प्रधानमंत्री के साइंटिफिक एडवाइजर हैं। उनके विद्यार्थी रहे राजेंदर मोदगिल कुरुक्षेत्र यूनिर्सिटी में प्रोफेसर हैं।
नई पीढ़ी को ईमानदारी और कड़ी मेहनत का दिया संदेश
उन्होंने कहा कि वह जीवन में कुछ बनना है तो इसके लिए ईमानदारी, कड़ी मेहनत और जीवन में अनुशासन जरूरी है। आजकल के विद्यार्थियों को समस्या सुलझाने की आदत नहीं है। वह बेसिक फिजिक्स पढ़ रहे हैं। उन्हें जानना होगा कि इंजीनियरिंग और टेक्नोलाॅजी क्या है, यह साइंस की माता है। इसलिए ईमानदारी से अपने विषयों पर ध्यान दें, ताकि भविष्य में जब विद्यार्थी कहीं कामयाब हो जाएं तो उन्हें अपने विषयों की पूरी जानकारी हो।
एक विद्यार्थी आज भी मुझे देखकर हो जाता है भावुक
उन्होंने बताया कि उनका एक स्टूडेंट ऐसा है जो उन्हें देखकर आज भी भावुक हो जाता है। एक दिन उनका बेटा बीमार हो गया तो वह स्टूडेंट उनकी सहायता के लिए पहुंच गया। स्टूडेंट उनके बेटे को अस्पताल लेकर गया। आज वह स्टूडेंट्स से ज्यादा उनका सबसे करीबी दोस्त बन गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यही शिक्षक विद्यार्थियों को पूरे जीवनभर याद रहते हैं।
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पीयू से रिटायर प्रो. केएन पाठक: जिनके पढ़ाए विद्यार्थी हैं पीएम के एडवाइजर, आज भी विद्यार्थियों से रिश्ता कायम