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गौरव और आदित्य ने पर्दे के पीछे से टीम को रखा एकजुट
साइंस और यूआईईटी में कमजोर मानी जा रही एबीवीपी को पुरानी टीम ने सक्रियता से मजबूत किया और अन्य पार्टियों के समीकरण बिगाड़ दिए। वहीं, यूआईएलएस और केमिकल विभाग में अर्पिता मालिक और सक्षम शर्मा की मेहनत रंग लाई। गौरव अत्री और आदित्य ने परदे के पीछे से पार्टी को एकजुट और मजबूत बनाए रखा। एबीवीपी के सामने अन्य छात्र संगठनों ने शर्त रखी थी कि यदि पुरानी टीम सक्रिय नहीं हुई तो गठबंधन पर विचार होगा लेकिन टीम के सक्रिय होने से एबीवीपी ने सभी बाधाएं पार कर लीं।
13 साल बाद सोपू की वापसी
पीयू में 13 साल बाद स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) की वापसी हुई है। सोपू लंबे समय से किसी पद पर जीत दर्ज करने के लिए संघर्ष कर रही थी। इस बार अभिषेक डागर ने सचिव के पद पर जीत दर्ज की है। अभिषेक के लिए इस बार सोपू ने पूरी जान लगा दी थी। हरियाणवी गायक मासूम शर्मा ने भी उनके लिए वोट मांगे थे। ये सोपू के लिए काफी खास है, क्योंकि इससे पहले 2012 में सोपू का प्रेजिडेंट बना था। 2012 में सोपू गठबंधन ने सभी चार पदों पर जीत दर्ज की थी। सतिंदर सिंह सत्ती प्रधान बने थे। उन्होंने पूसू-एनएसयूआई के उम्मीदवार अभिनव को 533 वोटों से हराया था।
एबीवीपी और सत्थ में अब पूरे साल रहेगा टकराव
इस बार की काउंसिल काफी अलग है। एक तरफ एबीवीपी है तो दूसरी तरफ सत्थ है। दोनों की विचारधारा बेहद अलग-अलग है। उधर पूसू की एंट्री ने काउंसिल को और अलग रंग दे दिया है। चौथा उम्मीदवार भी फिलहाल इंडीपेंडेंट है लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह एनएसयूआई ज्वाइन कर सकता है। ऐसे में माना जा रहा है पूरे साल काउंसिल के सदस्यों में साफ तौर पर टकराव देखने को मिलेगा।
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