अदालत।
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पंजाब स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कॉपोरेशन (पीएसआईईसी) प्लॉट आवंटन मामले में पूर्व सीनियर असिस्टेंट और दो रिटायर एस्टेट अफसरों ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने कोर्ट में सरेंडर किए जाने के बाद तीनों आरोपी अधिकारियों को हिरासत में लिया। लंबे समय से पूर्व सीनियर असिस्टेंट और दो रिटायर्ड एस्टेट अफसर विजिलेंस ब्यूरो की गिरफ्त से बाहर थे।
इंडस्टि्रयल प्लॉटों के आवंटन प्रक्रिया में किए गए भ्रष्टाचार के कारण सरकार को 8.72 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था। मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली में 8 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज की थी। चार अप्रैल को मामले में इन्क्वायरी मार्क की गई थी। मोहाली के इंडस्टि्रयल फोकल पॉइंट में स्थित 14 प्लॉटों के खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी की गई थी, जिसके कारण सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था।
पीएसआईईसी के औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन में धोखाधड़ी से जुड़े मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सेवानिवृत्त एस्टेट ऑफिसर दर्शन कुमार उर्फ दर्शन गर्ग और अमरजीत सिंह और पूर्व वरिष्ठ सहायक विजय कुमार गुप्ता को सरेंडर करने के बाद गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों ने मोहाली के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मामले में पहले ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर विजिलेंस के पुलिस थाना, फ्लाइंग स्क्वाॅड-1 (एसएएस नगर) में दर्ज की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी खरीदार, नकली पते और जाली फर्मों का उपयोग करके औद्योगिक प्लॉटों के आवंटन में अनियमितताएं की हैं। इस मामले की आगे की जांच जारी है।
पीएसआईईसी प्लॉट आवंटन मामला: पूर्व सीनियर असिस्टेंट व दो रिटायर्ड एस्टेट अफसरों ने कोर्ट में किया सरेंडर