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Delhi Airport News: यह मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का है. अमेरिका से वापस आया प्रिंस डॉक्यूमेंट क्लियरेंस के लिए इमिग्रेशन काउंटर पर खड़ा था. इमिग्रेशन अफसर ने एक-एक कर पासपोर्ट के पन्नों को पलटना शुरू किया और एक पन्ने पर जानकर उसकी आंखें टिक गईं. पासपोर्ट के इस पन्ने पर गम का एक ऐसा कतरा नजर आ गया, जो प्रिंस के अतीत की करतूतों को बयां करने के लिए काफी था.
इमिग्रेशन अफसर ने जैसे ही गम के इस कतरे को लेकर प्रिंस से सवाल पूछा तो उसके आंखों से आंसू छलक पड़े. प्रिंस को समझ में आ गया कि गम के इस कतरे ने उसकी करतूतों पर से पर्दा उठा दिया है. इमिग्रेशन ब्यूरो ने बिना देरी किए प्रिंस को आईजीआई एयरपोर्ट के हवाले कर दिया. वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने प्रिंस के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद शुरू हुआ प्रिंस से पूछताछ का सिलसिला.
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प्रिंस की कहानी सुन हर कोई हैरान
पूछताछ में प्रिंस ने जो कहानी बयां की, वह हर किसी को हैरान करने के लिए काफी थी. उसने बताया कि जून 2023 में टूरिस्ट पर्यटक वीजा पर पहले थाईलैंड गया और वहां से लाओस की यात्रा पर निकल गया. जुलाई 2023 में भारत लौट आया. लौटने के बाद उसके कुछ परिचितों ने उसे अमेरिका जाने की सलाह दी, जहां वह कम समय में अधिक पैसा कमा सकता था. इसके बाद, वह एक रिंकू नामक एक युवक के जरिए दयाल नामक एक एजेंट से मिला.
दयाल ने गैर कानूनी तरीके से उसे यूएसए में दाखिल कराने का वादा किया. इसके एवज में उसने 55 लाख रुपये की मांग की. रुपए मिलने के बाद दयाल ने प्रिंस को पहले यूरोप और फिर अमेरिका भेजने की बात कही. इसके बाद दयाल ने अपने सहयोगी रिंकू की मदद से उसके पासपोर्ट पर नीदरलैंड का शेंगेन वीजा चस्पा करवा दिया. प्लान के तहत, नवंबर 2023 में वह दिल्ली से फ्रांस के लिए रवाना हो गया. फ्रांस से प्रिंस को पुर्तगाल और फिर स्पेन भेज दिया गया.
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स्पेन में हो गया पहला बड़ा कांड
स्पेन पहुंचने के बाद पेमेंट को लेकर एजेंट्स का प्रिंस से झगड़ा हो गया. जिसके बाद, एजेंट उसे वहीं छोड़कर चले गए. आरोपी प्रिंस कुछ दिनों तक स्पेन में ही फंसा रहा. इस दौरान, उसकी मुलाकात बसंत लाल नामक एक एजेंट से हुई. बसंत लाल ने उसे कई देशों के रास्ते गैर कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया. इसके बदले उसने 37 लाख रुपये की मांग की. डील तय होने के बाद प्रिंस ने 19.5 लाख रुपये बसंत लाल को सौंप दिए.
इसके बाद, आरोपी प्रिंस को ग्वाटेमाला और मैक्सिको के रास्ते अमेरिका में भेज दिया गया. अमेरिका में दाखिल होते ही आरोपी प्रिंस ने अपने पासपोर्ट पर लगे वीजा स्टीकर को निकाल दिया. कुछ ही दिनों के बाद प्रिंस को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. करीब चार महीने जेल में रखने के बाद प्रिंस को दिल्ली के लिए डिपोर्ट कर दिया गया. वहीं, दिल्ली पहुंचते ही उसे ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने हिरासत में लेकर एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया.
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पुलिस ने करनाल से की तीन गिरफ्तारियां
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने प्रिंस की निशानदेही के आधार पर संजीव कुमार उर्फ रिंकू, दयाल सिंह और बसंत लाल को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों आरोपी मूल रूप से करनाल (हरियाणा) के अंतर्गत आने वाले विभिन्न इलाकों के रहने वाले हैं.
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