नई दिल्ली11 घंटे पहले
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पाकिस्तान को 2022 में ग्रे लिस्ट से हटाया गया था।

भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्था FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) पाकिस्तान को चौथी बार ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी कर रही है। मनीकंट्रोल के मुताबिक जून के आखिर या जुलाई की शुरुआत में FATF पाकिस्तान पर रिपोर्ट जारी कर उसे ग्रे लिस्ट में डाल सकता है।
इससे पाकिस्तान पर कई तरह के आर्थिक पाबंदियां लग सकती हैं। हाल ही में फ्रांस में हुई FATF की बैठक में भारत ने पहलगाम हमले, पाकिस्तान की आतंकवाद को फंडिंग और सरकारी समर्थन का मुद्दा उठाया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। FATF ने इसकी निंदा करते हुए कहा था ऐसे हमले बिना फंडिंग के संभव नहीं है।
सवाल जवाब में समझिए ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को क्या नुकसान होंगे…..
सवाल: FATF क्या है और ग्रे लिस्ट का मतलब क्या होता है?
जवाब: FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन को सफेद करना) और आतंकवाद को फंडिंग देने वाली गतिविधियों पर नजर रखती है।
ग्रे लिस्ट में उन देशों को डाला जाता है, जो आतंकवाद की फंडिंग या मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में पूरी तरह नाकाम रहते हैं। ऐसे देशों की निगरानी होती है, और उन्हें विदेशी फंडिंग मिलना मुश्किल हो जाता है।

पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में क्यों डाला जाएगा?
जवाब:
टेरर फंडिंग को रोकने में नाकाम: भारत ने दावा किया है कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों, जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद, को फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने FATF पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का दवाब बना रहा है।
2022 की की शर्तों का उल्लंघन: FATF ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया था, लेकिन भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने उस वक्त किए गए कानूनी सुधारों और आतंकवाद विरोधी उपायों को लागू करने में ढिलाई बरती है।
मनी लॉन्ड्रिंग: भारत ने FATF को बताया कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों के लीडर्स के खिलाफ ठोस जांच और सजा सुनिश्चित करने में कमी दिखाई है। पाकिस्तान का मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद फंडिंग रोकने का ढांचा अभी भी कमजोर है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव: भारत ने FATF की जून 2025 की बैठक में और उसके बाद 200 से ज्यादा देशों के साथ खुफिया जानकारी साझा की, जिसमें पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के सबूत दिए गए हैं। इस दबाव के चलते FATF ने कहा कि पहलगाम जैसे हमले बिना वित्तीय समर्थन के संभव नहीं, जिससे पाकिस्तान पर फिर से ग्रे लिस्ट में डाले जाने का खतरा बढ़ गया है।
सवाल: भारत ने इस मामले में क्या किया?
जवाब: भारत ने FATF के सामने पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत सबूत पेश किए हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कानून बनाने और आतंकियों को सजा देने में ढिलाई बरती है। भारत ने FATF के 200 से ज्यादा सदस्य देशों के साथ खुफिया जानकारी साझा की और अगस्त 2025 में होने वाली एशिया-पैसिफिक ग्रुप (APG) की मीटिंग और अक्टूबर 2025 में FATF की अगली मीटिंग में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की मांग की है।
सवाल: पाकिस्तान का इस पर क्या कहना है?
जवाब: पाकिस्तान का दावा है कि उसने FATF की शर्तों को पूरा किया है और भारत सिर्फ उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।
सवाल: FATF ने अभी तक क्या फैसला लिया है?
जवाब: FATF ने पहलगाम हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद को फंडिंग रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला जाएगा या नहीं। FATF ने कहा कि वो एक महीने में आतंकी फंडिंग पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।

सवाल: अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में आया तो क्या होगा?
जवाब:
- ग्रे लिस्ट में आने से पाकिस्तान की इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ेगा। विदेशी निवेश और IMF, वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल हो सकता है। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था और दबाव में आ सकती है।
- ग्रे लिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक छवि खराब होगी। विदेशी निवेशक और अंतरराष्ट्रीय बैंक पाकिस्तान को पैसा देने से कतराएंगे, जिससे देश में डॉलर और निवेश की भारी कमी होगी।
- IMF, वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं कर्ज देने के लिए सख्त शर्तें लगा देती हैं या कर्ज देने से मना भी कर सकती हैं।
- विदेशी पूंजी न आने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कमजोर हो जाती है। फॉरेक्स रिजर्व की किल्लत से महंगाई बढ़ेगी और आम जनता पर बोझ बढ़ेगा।
- FATF की ग्रे लिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान की हर बड़ी फाइनेंशियल डील, लेन-देन और बैंकिंग गतिविधियों पर सख्त नजर रखी जाएगी। कई बार लेन-देन में देरी या रोक भी लगाई जा सकती है।

Source: https://www.bhaskar.com/business/news/pakistan-fatf-grey-list-impact-2025-135267602.html