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पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक नागरिक कुलभूषण जाधव को ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार नहीं दिया गया है। यह जानकारी पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दी।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जाधव को 2019 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले के बाद सिर्फ कांसुलर एक्सेस दिया गया था। इसमें सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने जैसा कोई प्रावधान नहीं था।
जाधव 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान ने उन पर जासूसी करने का आरोप लगाया है।
जाधव को मौत की सजा सुनाई, फिलहाल जेल में बंद जाधव पर पाकिस्तान की सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया गया था। 10 अप्रैल 2017 को सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी, आतंकवाद और देशविरोधी गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि इस मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
मई 2017 में, भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का रुख किया और पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत का तर्क था कि जाधव के मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई और उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया।
ICJ ने जाधव की फांसी पर रोक लगाते हुए अंतिम निर्णय तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। जुलाई 2019 में, ICJ ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और पाकिस्तान को आदेश दिया कि वह जाधव की सजा पर पुनर्विचार करे। तब से अब तक पाकिस्तान ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

पाकिस्तान ने जाधव को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया पाकिस्तानी सेना ने 3 मार्च 2016 को बताया था कि उसने कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान ने कुलभूषण पर जासूसी और देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें जाधव ने कथित तौर पर स्वीकार किया था कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी RAW के लिए काम कर रहे थे और बलूचिस्तान और कराची में अस्थिरता फैलाने में शामिल थे। हालांकि, भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि ये जबरन लिया गया बयान है।
भारत ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने जाधव को ईरान से अगवा किया। जाधव रिटायरमेंट के बाद ईरान में बिजनेस कर रहे थे।
कुलभूषण जाधव को अगवा कराने वाले मुफ्ती की मौत
कुलभूषण जाधव को अगवा कराने में मदद करने वाले मुफ्ती शाह मीर की पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मारा जा मौत हो गई है। उसे मार्च में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी। मुफ्ती मीर ने ईरान से कुलभूषण जाधव को अगवा करने में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद की थी।
शुक्रवार रात को नमाज के बाद वह मस्जिद से बाहर निकल रहा था। तभी बाइक सवार हमलावरों ने घात लगाकर उस पर हमला कर दिया और कई गोली मारी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक गोली लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) और हथियारों की तस्करी में शामिल मुफ्ती मीर इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का मेंबर था।

शाह मीर मुफ्ती होने की आड़ में गैरकानूनी काम करता था।
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पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार नहीं मिला: सरकार ने सिर्फ कांसुलर सहायता मुहैया कराई; कुलभूषण जासूसी के आरोप में जेल में बंद