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जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। 5 दिसंबर को इमरान के खिलाफ इस्लामाबाद में हिंसक प्रदर्शन के आरोप में 14 नए मामले दर्ज किए हैं। इसके साथ ही इस्लामाबाद में इमरान के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है। इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी पुलिस (ICTP) ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट जमा कर इसकी जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 24 नवंबर को इस्लामाबाद के डी-चौक पर हुए प्रदर्शन के बाद इमरान के खिलाफ 14 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले उनके खिलाफ 62 मामले दर्ज थे, जो अब बढ़कर 76 हो गए हैं। इमरान ने जेल से संदेश जारी कर अपने समर्थकों और PTI पार्टी के कार्यकर्ताओं से देशभर में विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा था।
इमरान की मांग थी कि चुनावों में उनकी पार्टी को मिले जनादेश को मान्यता मिले, हिरासत में लिए गए पार्टी मेंबर्स को रिहा किया जाए और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति से जुड़े 26वें संशोधन को रद्द किया जाए।
पाकिस्तान के श्रीनगर हाईवे पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कंटेनर रखे गए थे। हालांकि प्रदर्शनकारी कंटेनर पर चढ़कर पार कर गए थे।
इमरान समर्थकों को पुलिस ने जबरन खदेड़ा
इमरान खान की मांग पर उनके समर्थक और PTI कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद के लिए कूच किया था। प्रदर्शनकारी 24 नवंबर को इस्लामाबाद के हाई सिक्योरिटी जोन (रेड जोन) डी-चौक तक पहुंच गए थे। यहां प्रदर्शनकारियों ने धरना देना शुरू कर दिया था। हालांकि 26 नवंबर की रात पुलिस ने धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को जबरन डी-चौक से हटा दिया था।
डी चौक इस्लामाबाद का सबसे हाई प्रोफाइल इलाका है। राष्ट्रपति भवन, PM ऑफिस, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट इसी इलाके में हैं।
इन प्रदर्शनों में 7 लोगों की मौत भी हुई थी। इनमें 4 प्रदर्शनकारी और 3 पुलिसकर्मी शामिल थे। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इमरान समर्थकों ने गाड़िया चढ़ाकर पुलिसकर्मियों की हत्या की थी।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सेना पर पत्थर फेंके।
इमरान खान पर सेना मुख्यालय पर हमले के मामले में आरोप तय
पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं पर सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) हमले के मामले में आरोप तय किए। हालांकि आरोप तय होने के इमरान ने खुद को निर्दोष बताया है। हालांकि इमरान को पिछले हफ्ते इस मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।
सेना मुख्यालय पर हमले के मामले में 9 मई 2023 को रावलपिंडी के एक पुलिस स्टेशन में इमरान और 143 अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था।
पिछले साल एक मामले में गिरफ्तारी के बाद इमरान समर्थकों ने कई सैन्य दफ्तरों में तोड़-फोड़ की थी। इनमें जिन्ना हाउस यानी लाहौर का कॉर्प्स कमांडर हाउस, मियांवली एयरबेस, फैसलाबाद का ISI भवन और रावलपिंडी का सेना मुख्यालय शामिल था।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान इमरान समेत 60 आरोपियों पर आरोप तय किए गए। इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
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