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पाकिस्तान के 12 जिलों में मिला पोलियो का वायरस, जानें भारत में कब खत्म हुई यह बीमारी? Health Updates

पाकिस्तान के 12 जिलों में मिला पोलियो का वायरस, जानें भारत में कब खत्म हुई यह बीमारी? Health Updates

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Polio Virus : पोलियो एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो पोलियोवायरस की वजह से होती है. पिछले कुछ सालों में दुनिया के ज्यादातर देश पोलियो से मुक्त हो चुके हैं. सिर्फ दो देश ही पोलियो से प्रभावित हैं. पाकिस्तान और अफगानिस्तान. दुनिया के करीब 85% पोलियो के मामले सिर्फ पाकिस्तान में ही हैं. हाल ही में पड़ोसी देश के 12 जिलों में इस बीमारी का वायरस मिला है. पाकिस्तान में बढ़ रहे पोलियो के केस से भारत में चिंता बढ़ी है. क्योंकि भारत पोलियो फ्री हो चुका है और पाकिस्तान से सीमा पार बहुत से लोग आते-जाते रहते हैं. ऐसे में सावधानी जरूरी है.

पोलियो बीमारी क्या है

पोलियो गंभीर और कई बार जानलेवा भी हो सकता है. यह पोलियो वायरस की वजह से फैलता है. इसके लक्षण ज्यादातर लोगों में बहुत ही हल्के नजर आते हैं या फिर दिखाई ही नहीं देते हैं. कुछ मामलों में संक्रमण गंभीर भी हो सकता है. इनमें पैरालिसिस यानी लकवा या फिर मौत तक हो सकती है.

पोलियो क्यों खतरनाक

पोलियो से संक्रमित 95% लोगों में इसके लक्षण ही नजर नहीं आते हैं. संक्रमित व्यक्ति बिना लक्षणों के भी पोलियो वायरस को दूसरों तक फैला सकता है. ये लक्षण दो तरह के हो सकते हैं. नॉन-पैरालिटिक पोलियो, जिसके लक्षण 10 दिनों तक रह सकते हैं. इसमें फ्लू जैसी समस्याएं, जैसे गले में खराश और बुखार हो सकता है. पैरालिटिक पोलियो, जिसके मामले काफी कम आते हैं. इसमें करीब 1% ही मामले होते हैं. इसके लक्षणों में रीढ़ की हड्डी, ब्रेनस्टेम या दोनों में लकवा भी हो सकता है.

पोलियो का खतरा किन लोगों को ज्यादा

पोलियो (Polio) का सबसे ज्यादा  खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होता है. अगर किसी वयस्क को बचपन में ही पोलियो वैक्सीन की सभी खुराक नहीं मिली होती है तो उसे भी इस बीमारी से जोखिम हो सकता है. इसके अलावा प्रेगनेंट महिलाएं, जिन्हें पोलियो की खुराक नहीं मिली है, कमजोर इम्यूनिटी या पोलियाग्रस्त वाले इलाकों में रहने वालों को इसका खतरा ज्यादा होता है.

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भारत में पोलियो कब खत्म हुआ

भारत अब पोलियो से फ्री हो गया है. यह बड़ी उपलब्धि है. देश ने 2 अक्टूबर 1995 को पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया, जिसके तहत 5 साल से कम उम्र के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई. लगातार प्रयासों और बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाने से यह मुमकिन हो सकता है. भारत में पोलियो का आखिरी मामला साल 2011 में दर्ज किया गया था. इसके बाद 27 मार्च 2014 को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया.

पाकिस्तान में पोलियो बढ़ने से भारत में चिंता क्यों

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और दुनिया के कई देशों में कोरोनाकाल में पैरेंट्स ने कोविड वायरस के डर से बच्चों को पोलियो और कई जरूरी वैक्सीन की सभी खुराक नहीं दिलाई हैं. माना जा रहा है कि उन बच्चों में पोलियो वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी पूरी तरह बनी नहीं होगी. ऐसे में पोलियो वायरस के संपर्क में आने से उनमें संक्रमण आ सकता है. हालांकि, इसकी आशंका काफी कम है. फिर भी सावधानी की जरूरत है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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