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कैथल। भारत में प्रति वर्ष पांच साल के लगभग एक लाख बच्चों की मृत्यु डायरिया से हो जाती है। इसे ओआरएस तथा जिंक के प्रयोग से रोका जा सकता है। इसके लिए पहली जुलाई से 15 जुलाई तक जिले में सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने दी।
लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्टिरिंग एंड कोर्डिनेशन कमेटी की समीक्षा बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि इसके तहत आशा वर्कर व एएनएम पांच वर्ष तक के बच्चों को घर-घर जाकर ओआरएस के पैकेट वितरित करें। साथ ही अभिभावकों को ओआरएस व जिंक के महत्व व प्रयोग के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पखवाड़े के दौरान जिन बच्चों में डायरिया के लक्ष्य पाए जाएं, उन्हें जिंक की टैबलेट भी उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरटी कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां पर ओआरएस पैकेट व जिंक उपलब्ध होंगे। डीसी ने आह्वान किया कि बच्चों को डायरिया की स्थिति में अधिक से अधिक तरल पदार्थ देते रहे क्योंकि शरीर में पानी की कमी हो जाती है। बैठक में डीएमसी कुलधीर सिंह, सीटीएम गुलजार अहमद, सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा, डीडीपीओ कंवर दमन, पीओआईसीडीएस कमलेश गर्ग, प्रवीण कुमार, सतपाल, कमल कुमार, डॉ. ललित कुमार, संजीव कुमार, नवराज सिंह, सीमा रानी, आरपी बंसल आदि मौजूद रहे।
ओआरएस कैसे तैयार करें
सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि ओआरएस बनाने के लिए पहले अपने हाथों को साबुन से धोएं। पैकेट में से सारा ओआरएस पाउडर एक बर्तन में डालें। उसमें एक लीटर साफ पानी डालें। इसे तब तक मिलाएं जब तक कि सारा ओआरएस पाउडर पूरी तरह से घुल न जाएं। इसके बाद 24 घंटे के अंदर ओआरएस का सेवन करें अन्यथा फेंक दें। दो से 6 महीने के बीच का शिशु के लिए 10 मिलीग्राम जिंक तथा ओआरएस 14 दिनों के लिए, छह महीनें से अधिक उम्र के बच्चे के लिए 20 मिलीग्राम जिंक तथा ओआरएस 14 दिनों के लिए प्रयोग में लाएं।
कैथल। भारत में प्रति वर्ष पांच साल के लगभग एक लाख बच्चों की मृत्यु डायरिया से हो जाती है। इसे ओआरएस तथा जिंक के प्रयोग से रोका जा सकता है। इसके लिए पहली जुलाई से 15 जुलाई तक जिले में सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने दी।
लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्टिरिंग एंड कोर्डिनेशन कमेटी की समीक्षा बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि इसके तहत आशा वर्कर व एएनएम पांच वर्ष तक के बच्चों को घर-घर जाकर ओआरएस के पैकेट वितरित करें। साथ ही अभिभावकों को ओआरएस व जिंक के महत्व व प्रयोग के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पखवाड़े के दौरान जिन बच्चों में डायरिया के लक्ष्य पाए जाएं, उन्हें जिंक की टैबलेट भी उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सभी स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरटी कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां पर ओआरएस पैकेट व जिंक उपलब्ध होंगे। डीसी ने आह्वान किया कि बच्चों को डायरिया की स्थिति में अधिक से अधिक तरल पदार्थ देते रहे क्योंकि शरीर में पानी की कमी हो जाती है। बैठक में डीएमसी कुलधीर सिंह, सीटीएम गुलजार अहमद, सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा, डीडीपीओ कंवर दमन, पीओआईसीडीएस कमलेश गर्ग, प्रवीण कुमार, सतपाल, कमल कुमार, डॉ. ललित कुमार, संजीव कुमार, नवराज सिंह, सीमा रानी, आरपी बंसल आदि मौजूद रहे।
ओआरएस कैसे तैयार करें
सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि ओआरएस बनाने के लिए पहले अपने हाथों को साबुन से धोएं। पैकेट में से सारा ओआरएस पाउडर एक बर्तन में डालें। उसमें एक लीटर साफ पानी डालें। इसे तब तक मिलाएं जब तक कि सारा ओआरएस पाउडर पूरी तरह से घुल न जाएं। इसके बाद 24 घंटे के अंदर ओआरएस का सेवन करें अन्यथा फेंक दें। दो से 6 महीने के बीच का शिशु के लिए 10 मिलीग्राम जिंक तथा ओआरएस 14 दिनों के लिए, छह महीनें से अधिक उम्र के बच्चे के लिए 20 मिलीग्राम जिंक तथा ओआरएस 14 दिनों के लिए प्रयोग में लाएं।
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