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Vinesh Phogat
– फोटो : self
विस्तार
पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने पर पदक से चूकी पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार देर शाम सोशल मीडिया पर अपने जीवन संघर्ष के बारे में ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता एक साधारण बस चालक थे। मुझसे कहते थे कि एक दिन वह अपनी बेटी को विमान में ऊंची उड़ान भरते देखेंगे, जबकि वह नीचे सड़क पर गाड़ी चलाएंगे। जिस दिन मेरे पिता ने हमें छोड़ा, उस दिन विमान में उड़ान भरने के बारे में केवल उनके विचार और शब्द ही बचे थे। पिता की मौत के बाद मां ने कठोर परिश्रम कर हमें आगे बढ़ाया।
विनेश फोगाट ने कहा कि पिता की मौत के बाद तीन बच्चों की यात्रा शुरू हुई, जो अपनी अकेली मां का समर्थन करने के लिए अपना बचपन खो देंगे। जल्द ही मेरे लंबे बाल, मोबाइल के सपने धूमिल हो गए। वास्तविकता का सामना किया और अस्तित्व की दौड़ में शामिल हो गई। अस्तित्व ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। अपनी मां की कठिनाइयों को देखकर, कभी हार न मानने वाला रवैया और लड़ने का जज्बा ही मुझे वैसा बनाता है, जैसी मैं हूं।
विनेश ने कहा कि मैं अपने पति, साथी और अच्छे दोस्त सोमवीर से मिली। उन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया। मेरी यात्रा को अपनी यात्रा से ऊपर रखा। डेढ़-दो वर्ष में मैट के अंदर व बाहर बहुत कुछ हुआ है। मेरे जीवन में कई मोड़ आए, ऐसा लगा जैसे जीवन हमेशा के लिए रुक गया हो और हम जिस गड्ढे में थे, उससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। मेरे आस-पास के लोगों में ईमानदारी, मेरे प्रति सद्भावना और बड़े पैमाने पर समर्थन था। दो वर्षों से आगे बढ़ सकी।
मैट पर मेरी यात्रा में दो वर्षों से मेरी सहयोगी टीम ने बड़ी भूमिका निभाई है। डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने मुझे फिर से अपने पैरों पर खड़ा किया। डॉ. वेन पैट्रिक लोम्बार्ड ने सबसे कठिन यात्रा में मेरी मदद की। दोनों बार जब मैं घायल हुई और ऑपरेशन किया तो यह उनका काम और प्रयास ही था, जिसने मुझे नीचे से मजबूत बना दिया। वोलर अकोस, उनके बारे में जितना लिखूं कम ही पड़ेगा। मैंने उन्हें अच्छा कोच, अच्छा मार्गदर्शक और सबसे अच्छा इंसान पाया है। अश्विनी जीवन पाटिल ने मेरे अंदर विश्वास जताया, मैं इन सभी का आभार व्यक्त करती हूं।
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पहलवान विनेश की X पर पोस्ट: लिखा- मां ने कठोर परिश्रम कर हमें आगे बढ़ाया, पिता मुझसे कहते थे कि…