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Exam tips: छात्र परीक्षाओं की तैयारी में जुट रहे हैं. यह समय बच्चों के लिए बहुत भारी पड़ सकता है क्योंकि उन्हें घंटों लगातार पढ़ाई करने, नोट्स याद करने से लेकर माता-पिता और शिक्षकों की अनकही उम्मीदों पर खरा उतरने तक, बहुत सारा दबाव झेलना पड़ता है. इसको लेकर एक्सपर्ट ने बच्चों को तनाव से दूर रखने के लिए टिप्स दी है.
जैसे-जैसे साल खत्म हो रहा है, छात्र परीक्षाओं की तैयारी में जुट रहे हैं. यह समय बच्चों के लिए बहुत भारी पड़ सकता है क्योंकि उन्हें घंटों लगातार पढ़ाई करने, नोट्स याद करने से लेकर माता-पिता और शिक्षकों की अनकही उम्मीदों पर खरा उतरने तक, बहुत सारा दबाव झेलना पड़ता है. कुल मिलाकर, वे खुद को एक साथ कई चुनौतियों से जूझते हुए, मुश्किलों के बीच पा सकते हैं.अगर आपके बच्चे को साल के अंत की परीक्षाओं के कारण तनाव हो रहा है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के आधार पर पेरेंट्स इन असरदार तरीकों को अपना सकते हैं.

अपने तनाव को मैनेज करें. एक्सपर्ट की माने तो बच्चे अक्सर माता-पिता के भावनात्मक व्यवहार को ‘स्पंज’ की तरह सोख लेते हैं. अगर आप शांत, संयमित और सकारात्मक रहें, तो आपका बच्चा देखेगा कि तनाव का सामना कैसे किया जाए.आप मैडिटेशन, योग या गहरी सांस लेने जैसी विधियां अपना सकते हैं, ताकि आप खुद मानसिक रूप से स्थिर रह सकें.

रटने की बजाय समझ पर ध्यान दें, सिर्फ रटकर पढ़ने से बच्चों का तनाव बढ़ता है क्योंकि उन्हें डर रहता है कि परीक्षी हाल में भूल ही न जाएं.माता-पिता उन्हें समझा सकते हैं कि विषयों की मूल अवधारणाओं (कंसैप्ट) को समझना ज्यादा महत्वपूर्ण है इससे लंबी अवधि में आत्मविश्वास बढ़ता है और दबाव कम होता है.
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सांस लेने की आसान तकनीकें सिखाएं,घबराहट महसूस होने पर, बच्चे’ 3-2-1′ नामक एक सरल तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें उन्हें तीन चीजें देखनी हैं, दो चीजें छूनी हैं और एक गंध महसूस करनी है- यह एक्सरसाइज दिमाग को वर्तमान पल में लाने में मदद करती है. ऐसा करना उन्हें घबराहट से बाहर आने में सहायता करता है और उनका फोकस वापस आता है.

ब्रेन बूस्टिंग आहार पर ध्यान दें, परीक्षा के समय भावनात्मक चिंता व जल्दी के कारण बच्चे अक्सर ‘जंक फूड’ की ओर जाते हैं, लेकिन यह उनकी ऊर्जा और मानसिक स्थिति पर उलटा असर कर सकता है.एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें जो मस्तिष्क के लिए अच्छे हों: जैसे बेरीज (एंटीऑक्सीडेंट के लिए), नट्स (फैट्स और पोषण के लिए), प्रोटीन स्रोत जैसे दही, उबले अंडे या चना हम्मस, ताकि ब्लड-शूगर स्थिर रहे और फोकस बनाए रखने में मदद मिले.

बच्चों में महसूस कराए कि वह तनाव में न रहे, बच्चों को यह महसूस कराने की जरूरत है कि उनका तनाव मान्य है उनकी भावनाओं को नजरअंदाज न करें, बल्कि सुनें और समझने की कोशिश करें.घर का ऐसा माहौल बनाएं, जहां उनका स्ट्रैस सांझा किया जा सके, बिना डांट-डपट के. यदि तनाव बहुत अधिक हो और ऊपर दिए उपायों से राहत न मिल रही हो, तो पेशेवर मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं.आप अपने बच्चे के लिए स्कूल काऊंसलर, मनोवैज्ञानिक या धेरैपिस्ट की मदद लें सकते है.
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