रूस में फंसे गांव कुम्हारिया के अंकित जांगड़ा और विजय का 29 दिन बाद भी परिवार के साथ संपर्क नहीं हो पाया है। 11 सितंबर को मैसेज आने के बाद दोनों का कोई परिवार से संपर्क नहीं हो सका है। हालात ये है कि अंकुर की मां की आंखें मोबाइल पर बेटे का एक मैसेज देखने के इंतजार में पथरा गई हैं। अंकित की मां सुशीला बार-बार वीडियो देखकर बेटे को याद कर सुबक पड़ती है।
अंकित के भाई रघुबीर ने बताया कि 29 दिन से संपर्क न होने के कारण परिवार परेशान है। बार-बार मोबाइल को देखते है कि मैसेज न आया हो और ऑनलाइन हुए या नहीं हुए है। पिता रामप्रसाद को हार्ट संबंधित दिक्कत भी हो चुकी है और अब उपचार चल रहा है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि वह फंसे युवकों को सुरक्षित भारत लाने में मदद करेंगे।
स्टडी वीजा पर गए थे
अंकित के भाई रघुबीर ने बताया कि अंकित स्टडी वीजा पर रूस गया था। यहां पर काम दिलवाने का झांसा देकर जबरन रूसी सेना में भर्ती कर दिया गया। अंकित और विजय व्हाटसअप कॉल करके परिवार को जानकारी दे रहे थे और बार-बार ये ही गुहार लगा रहे थे कि बचा लो नहीं तो युद्ध में धकेल देंगे। 10 सितंबर की रात युवक विजय ने फेसबुक मैसेंजर के जरिये अपने साथी रमेश कुमार के पास मैसेज भेजा था, जिसमें उसने बताया कि उसका व्हाटसअप कॉल डिलीट कर दिया गया है।