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पतंजलि के निवेश से ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को कैसे मिल रही है नई दिशा? Business News & Hub

पतंजलि के निवेश से ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को कैसे मिल रही है नई दिशा? Business News & Hub

पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि कंपनी भारत की ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. साल 2006 में शुरू हुई यह कंपनी तेजी से भारत की अग्रणी FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनियों में से एक बन गई है. पंतजिल ने बताया है कि अपने उत्पादों और निवेशों के माध्यम से पतंजलि ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार, कृषि, और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा दिया है. 

पतंजलि का कहना है, ”कंपनी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए कई पहल की हैं. कंपनी ने अपने कच्चे माल, जैसे तेल, अनाज और जड़ी-बूटियां, स्थानीय किसानों से खरीदने पर जोर दिया है. इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी समर्थन मिला है. पतंजलि का ‘फार्मर समृद्धि कार्यक्रम’, जो राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और ASCI के सहयोग से चलाया जाता है, किसानों को जैविक खेती और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देता है. यह पहल ग्रामीण भारत में सतत विकास को बढ़ावा दे रही है.”

कंपनी ने पैदा किए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर- पतंजलि

हाल ही में, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) में पतंजलि के मेगा फूड और हर्बल पार्क की स्थापना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं. इस परियोजना में बिस्किट निर्माण इकाई (500 करोड़ रुपये), दूध प्रसंस्करण इकाई (600 करोड़ रुपये) और हर्बल फार्म (200 करोड़ रुपये) शामिल हैं, जो स्थानीय स्तर पर हजारों नौकरियां पैदा करेंगे.शहरी अर्थव्यवस्था में भी पतंजलि का योगदान उल्लेखनीय है. 

पतंजलि ने बताया है, ”कंपनी ने अपने उत्पादों की व्यापक उपलब्धता के लिए देशभर में हजारों फ्रैंचाइज़ी स्टोर और मेगा स्टोर खोले हैं. इन स्टोर्स ने शहरी क्षेत्रों में खुदरा व्यापार को बढ़ावा दिया है और स्थानीय व्यापारियों को आय का एक नया स्रोत प्रदान किया है. उदाहरण के लिए, पतंजलि मेगा स्टोर के लिए 1 करोड़ रुपये के निवेश और 2000 वर्ग फुट की न्यूनतम जगह की आवश्यकता ने शहरी उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है.”

इसके अलावा, पतंजलि ने रुचि सोया के अधिग्रहण (लगभग 4,350 करोड़ रुपये) के बाद खाद्य तेल और अन्य उत्पादों के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है, जिससे शहरी उपभोक्ताओं को किफायती और स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध हुए हैं.

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से कंपनी को मिला फायदा- पतंजलि

पतंजलि का दावा है, ”कंपनी की रणनीति का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू इसकी मार्केटिंग और वितरण रणनीति है. कंपनी ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया है. इससे न केवल उत्पादों की बिक्री बढ़ी है, बल्कि छोटे व्यापारियों को भी आर्थिक लाभ हुआ है. इसके अलावा, कंपनी ने अपने उत्पादों को किफायती रखकर मध्यम और निम्न-आय वर्ग के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपभोग बढ़ा है.”

पतंजलि ने बताया है, ”कंपनी ने नवाचार और रणनीतिक निवेशों के माध्यम से अपनी स्थिति को मजबूत किया है. पतंजलि का यह प्रयास भारत की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण-शहरी असमानता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”


Source: https://www.abplive.com/business/how-patanjali-investments-are-boosting-india-rural-and-urban-economies-2983990

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