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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Gita’s Messages Will Save You From Many Diseases In Life
पं. विजयशंकर मेहता
पिछले दिनों देश में बहुत प्रभावशाली ढंग से गीता जयंती महोत्सव मनाया गया। यह एक बहुत अच्छा अनुष्ठान था। गीता का जन्म अर्जुन की अज्ञानता के कारण हुआ। अर्जुन जैसा समझदार भी उस दिन अज्ञान में गिर गया था और गीता का उद्भव हुआ। अर्जुन के अज्ञान में जो बीमारी उतरी थी, वो आजकल भारत में लगभग 19 करोड़ लोगों के जीवन में उतर गई है। उसका नाम है चिंता।
ये एक बीमारी कई अन्य बीमारियों को जन्म दे देती है। हृदय रोग, बीपी, शुगर ये सब इसके परिणाम हैं। ये एक मानसिक रोग की शुरुआत है। चूंकि एक मानसिक रोग से दूसरी बीमारियां जकड़ती हैं, इसलिए भगवान कृष्ण को अर्जुन को रोकना पड़ा। ऐसा कहते हैं कि हाइपरटेंशन समेत कई रोगों से बचने के लिए नमक और शकर का संतुलित उपयोग करना चाहिए।
गीता में जितने श्लोक हैं, उन सब में नमक व शकर का स्वाद है। कुछ श्लोक हमें खारेपन के साथ समझाते हैं और कुछ श्लोकों की मिठास ध्यान की ओर ले जाती है। गीता के संदेश जीवन में बने रहें तो हम कई बीमारियों से बच सकेंगे।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: गीता के संदेश जीवन में कई बीमारियों से बचाएंगे