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- Pt. Vijayshankar Mehta’s Column Connect Honesty With Truth, Because Narayana Is In It
पं. विजयशंकर मेहता
नौकरी करने वाले तो दबाव में रहते ही हैं, लेकिन इन दिनों व्यापार करने वाले लोग भी बहुत दिक्कत में हैं। कई व्यवसायी कहते हैं कि कारोबार में शुद्ध ईमानदारी मुश्किल होगी, जबकि ढोल सबसे ज्यादा ईमानदारी का ही पीटा जाता है। अब तो जो सबसे कम बेईमान है, वही ईमानदार है। इसलिए भी लोग मानसिक रूप से अस्वस्थ नजर आ रहे हैं।
अपने देश में हर आठ में से एक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ सेवा की जरूरत पड़ रही है, यह चिंता का विषय है। हमारी जीडीपी, विकास के मापदंड जो भी हों, लेकिन लगभग बीस करोड़ लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे हैं और इनमें अधिकांश लोग वो हैं, जो धन की आकांक्षा की यात्रा पर निकल पड़े हैं।
पैसा कमाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन पैसा भोग-विलास और बीमारी लाए, इसमें दिक्कत है। तो क्यों ना ईमानदारी को सत्य से जोड़ें और हमारे देश में सत्य को नारायण से जोड़ा गया है। ईश्वर की भक्ति बढ़ाते चलिए तो इस तरह की समस्याओं के निदान अपने आप निकलते चलेंगे।
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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: ईमानदारी को सत्य से जोड़ें, क्योंकि इसी में नारायण हैं